तीन करोड़ का ईनामी नक्सली ढेर: “इस खूंखार नक्सली का ठिकाना किसी को मालूम नहीं होता”, टॉप नक्सल कमांडर के घेरे में रहता था केशव, जवानों ने ऐसे लगाया ठिकाने

Naxal Encounter News: नक्सलियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी सफलता जवानों को मिला है। तीन करोड़ का ईनामी नक्सली मुठभेड़ में मार गिराया गया है। कमाल की बात ये है कि जिस नक्सली को मारा गया है, उसे नक्सलियों का ब्रेन माना जाता था। देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ है, जब नक्सलियों के इतने बड़े कमांडर को जवानों ने ढेर किया है।
ये कामयाबी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में मिली है। जहां तीन दिनों तक मुठभेड़ चली। सीपीआई (माओवादी) के महासचिव और शीर्ष नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजु को 19 से 21 मई के बीच चली डीआरजी की निर्णायक कार्रवाई में मार गिराया गया है। इस मुठभेड़ में बसवराजु समेत कुल 27 माओवादी मारे गए, जिनमें कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।
इस कार्रवाई में नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोण्डागांव जिलों से डीआरजी की विशेष टीमें जुटाई गई थीं। इन क्षेत्रों की सीमाओं से लगे अबूझमाड़ के घने जंगलों में माओवादी नेताओं की उपस्थिति की गुप्त और सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया था।
21 मई की सुबह, जब माओवादी दस्ते ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू की, तब जवाबी कार्रवाई में डीआरजी ने साहस और रणनीति का परिचय देते हुए उन्हें घेर लिया। कई घंटे चली इस भीषण मुठभेड़ के बाद 27 माओवादियों के शव बरामद किए गए, जिनमें बसवराजु का शव भी शामिल है।
बसवराजु का प्रोफाइल:
• पूरा नाम: नंबाला केशव राव
• उपनाम: बसवराजु, बीआर दादा, गगन्ना
• उम्र: लगभग 70 वर्ष
• निवास: श्रीकाकुलम, आंध्र प्रदेश
• पद: महासचिव, केंद्रीय सैन्य आयोग प्रमुख, पोलित ब्यूरो सदस्य, सीपीआई (माओवादी)
• इनामी राशि: ₹3 करोड़ (छत्तीसगढ़ सरकार ₹1 करोड़, गृह मंत्रालय ₹1 करोड़, NIA ₹50 लाख, ओडिशा ₹25 लाख, आंध्र प्रदेश ₹25 लाख)
बसवराजु माओवादी सशस्त्र आंदोलन का मस्तिष्क माना जाता था। कहा जाता था कि उसका सटीक ठिकाना किसी को नहीं पता होता था। उसकी तलाश और ढेर करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे कठिन मिशनों में से एक था। उसकी मौत को नक्सली किले की अंतिम टोली का अंत माना जा रहा है।
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ऑपरेशन की प्रमुख उपलब्धियां:
• कुल 27 माओवादी ढेर, जिनमें कई वरिष्ठ नेता
• AK-47, SLR, INSAS, कार्बाइन समेत भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद
• एक डीआरजी जवान शहीद, जिनका पार्थिव शरीर नारायणपुर लाया गया
• कई जवान घायल, सभी खतरे से बाहर
• फरार माओवादियों की तलाश में सघन सर्च ऑपरेशन जारी
भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार ने इस ऐतिहासिक सफलता पर सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए वामपंथी उग्रवाद के समूल नाश की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई है। यह अभियान छत्तीसगढ़ के इतिहास में वामपंथी हिंसा के अंत की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।