रांची । नेशनल ज्यूडिशियल डाटा ग्रिड के अनुसार वर्तमान में झारखण्ड के जिला न्यायालयों में कुल 5,26,990 मामले लंबित हैं। जिसमें से 89032 सिविल मामले हैं और 4, 37, 958 क्रिमिनल मामले हैं। अगर सिर्फ सत्र न्यायालय के क्रिमिनल मामलों को देखें तो इसकी संख्या 57,740 है। इतने अधिक लंबित मामलों के बावजूद भर्ती प्रक्रिया अत्यंत धीमी है।

मालूम हो की झारखण्ड उच्च न्यायालय ने साल 2022 में एडीजे भर्ती परीक्षा के लिए विज्ञापन निकाला था, 12, 13 एवं 14 मार्च, 2023 को साक्षात्कार आयोजित किया गया था और माननीय उच्च न्यायालय ने सिर्फ 9 दिनों की अल्पावधि में 23 मार्च 2023 को अंतिम परिणाम भी घोषित कर दिया। इससे यह उम्मीद बनी की त्वरित न्याय की दिशा में उचित कदम उठाये जा रहे हैं।

परंतु, परिणाम प्रकाशित होने के बाद पाँच माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी नियुक्तियों का न होना त्वरित न्याय की राह में एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। नियुक्तियों में देरी की वजह से हर दिन 150 से अधिक न्यायिक कार्य घंटो का नुकसान प्रदेश की जनता का हो रहा है। उच्च न्यायालय और प्रदेश सरकार से आम जनता के साथ साथ सफल ADJ उम्मीद लगा रहे हैं की जल्द नियुक्ति होने से न्यायालय में जल्द कार्यवाही होगी और मामले का निष्पादन भी होगा। जिससे प्रदेश की जनता को त्वरित न्याय मिलने में मदद मिलेगी।
Source:
https://njdg.ecourts.gov.in/njdgnew/?p=main/pend_dashboard&state_code=20~7

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