मानसून की दस्तक से झारखंड के किसानों के चेहरे पर खुशी…18 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य, समय पर बारिश से फायदा
The arrival of monsoon has brought happiness on the faces of the farmers of Jharkhand... Target of paddy cultivation in 18 lakh hectares, benefit from timely rain

रांची: इस साल मानसून समय से पहले दस्तक देने जा रहा है और सामान्य से 108% बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम के इस अनुकूल पूर्वानुमान से झारखंड के किसान बेहद उत्साहित हैं और धान की बुआई की तैयारियों में जुट गए हैं। राज्य सरकार ने इस बार 18 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।
खरीफ फसलों में धान झारखंड की प्रमुख फसल है, जिसकी खेती हर साल लगभग 18 लाख हेक्टेयर में की जाती है। पिछले वर्ष 15.96 लाख हेक्टेयर में ही धान की रोपनी हो पाई थी, जो तय लक्ष्य का 88.68% था। लेकिन इस बार समय पर और अधिक बारिश की संभावना से लक्ष्य को पूरा करने और रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद है।
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, चियांकी के मुख्य कृषि वैज्ञानिक डॉ. डीएन सिंह ने कहा है कि किसानों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। मई माह में भी अच्छी वर्षा हुई है, जिससे खेतों में नमी बनी हुई है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों की जुताई तुरंत शुरू करें, ताकि खर-पतवार और कीट नियंत्रण किया जा सके। इसके साथ ही मध्यम अवधि वाले (120-125 दिन) धान की किस्मों को अपनाने की सलाह दी गई है।
राज्य के रामगढ़ जिले के दुलमी प्रखंड में पहले ही 200 एकड़ क्षेत्र में गरमा धान की फसल लहलहा रही है, जिससे उम्मीद बढ़ गई है कि समय पर मानसून से पूरे राज्य में अच्छी पैदावार होगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 और 2023 में सुखाड़ के कारण झारखंड में धान की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई थी। 2022 में केवल 19.09 लाख टन और 2023 में 32.10 लाख टन धान का उत्पादन हो सका था।