धनबाद: धनबाद में एक बंदर की मौत पर वन विभाग में हड़कंप मचा है। वन विभाग की लापरवाही से हुई बंदर की मौत मामले में अब तक एक कर्मचारी को सस्पेंड किया जा चुका है, जबकि अन्य पर भी गाज गिरने वाली है। मामले की गंभीरता का पता इसी बात से चलता है कि वंदर की मौत पर बैठी जांच ने बंदर के शव को कब्र से बाहर निकलवाया और फिर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कुछ जरूरी अंगों को रांची फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा। अंदर का शव पूरी तरह से सड़ गल चुका है। एक बांह में हड्डी टूटने के निशान पाए गए हैं। एक बांह की कोहनी टूटी हुई पाई गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच रिपोर्ट के आधार पर कुछ अधिकारी व कर्मचारी का नपना तय है।

क्या है पूरा मामला

एक अक्टूबर को जिले के सत्यम नगर के रहने वाले एसडी तिवारी के घर एक बंदर को पकड़ कर रखा गया था। जिसकी सूचना उन्होंने तत्काल बन विभाग को दी। वन विभाग के अधिकारियों ने वनपाल जसीम अंसारी को उस बंदर को अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया था। जिसके बाद वनपाल जसीम अंसारी ने उस बंदर को पकड़ा और उसे एक जाली में बंद रखा। बंदर को फॉरेस्ट कॉलोनी में रखा गया था। जहां उसकी मौत हो गई। जबकि फॉरेस्ट कॉलोनी में किसी भी बाहरी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं होती है। उसके बाद भी बंदर की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

सूत्रों की माने तो बंदर के मरने से पहले उसके दोनों हाथ भी तोड़े गए थे। उसके बाद उसकी मौत हुई। बंदर की संदेहास्पद मौत मामले में जहां पोस्टमार्टम होना चाहिए था। वनपाल ने आनन-फानन में उसे दफना दिया था।

वनपाल को सस्पेंड कर आगे की कार्रवाई जारी

DFO विमला लकड़ा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वनपाल को शोकॉज करने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया है। इससे पहले भी वनपाल शसीम अंसारी कई विवादों में रहा है। उसके बाद भी विभागीय कार्यवाही में विलंब हो ना कई सवालों को खड़ा कर रहा है। बहरहाल देखना होगा कि विभाग इस बेजुबान जानवर की मौत पर आगे क्या कार्रवाई करता है।

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