छपरा। बच्चों के चक्कर में मेयर राखी गुप्ता की कुर्सी छिन गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने राखी गुप्ता को पद से हटा दिया है। निर्वाचन आयोग में दिए गलत हलफनामे की वजह से मेयर पद से हाथ धोना पड़ा है। दरअसल, राखी गुप्ता तीन बच्चों की मां थी। बिहार में निर्वाचन नियम के मुताबिक दो या दो से कम बच्चे वाले ही चुनाव लड़ने के पात्र हैं। लेकिन राखी गुप्ता ने चुनाव आयोग को गुमराह करते हुए हलफनामे में दो बच्चे होने का जिक्र किया। चुनाव तो वो जीत गयी, लेकिन इस मामले में चुनाव आयोग में शिकायत हुई, जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने हलफनामें में गलत जानकारी देने के मामले में पद से हटा दिया है।

बताया गया कि मेयर ने हलफनामे में दो बच्चियों का जिक्र किया था, लेकिन छपरा रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता को तीन बच्चे हैं। उन्होंने एक बच्चे को अपने निःसंतान रिश्तेदार को लिखित रूप से भेंट कर दिया था। निर्वाचन आयोग के आज आए फैसले पर राखी गुप्ता ने कहा कि जब मैंने चुनाव जीता था तो वो मेरी नहीं, जनता की जीत थी। चूक मुझसे नहीं हुई है। आज लोगों को लगता है कि राखी गुप्ता हारी है, तो यह मेरी नहीं जनता की हार है। जो हमारे पीछे लगे थे, उनकी जीत हो गई है।

हालांकि मेयर राखी गुप्ता की ओर से तर्क दिया गया कि उनके दो ही बच्चे हैं। तीसरे बच्चे को गोद लिया था। बता दें कि राखी गुप्ता ने अपना कार्यकाल भी संभाल लिया था, लेकिन गलत हलफनामा दायर करने का दोषी पाये जाने पर बिहार राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से एक्शन लिया गया है। इससे पहले विरोधियों द्वारा इस बात को निर्वाचन आयोग के सामने रखा था. न्याय के लिए आयोग का दरवाजा खटखटाया था. विरोधियों ने अपना अपना पक्ष रखा था, जिस पर आज फैसला आयोग ने सुना दिया।

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