झारखंड : वक्फ कानून के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन…आमबागान में सभा में जुटेंगे मंत्री इरफान सहित कई दिग्गज

Big demonstration against Waqf law: Minister Irfan and many other bigwigs will gather in the meeting at Ambagwan...

जमशेदपुर: केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए वक्फ कानून के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देशभर में आंदोलन की शुरुआत कर दी है। इसी कड़ी में गुरुवार एक मई को आज जमशेदपुर के आमबागान मैदान में एक बड़ी विरोध सभा आयोजित की जाएगी। इस सभा में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और सांसद इमरान मसूद समेत कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। इस सभा की तैयारी शुरू है। आमबागान में ईदगाह की तरफ सभा का स्टेज बनाया जा रहा है। यह सभा केंद्र सरकार के वक्फ कानून के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन मानी जा रही है और इसमें बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इस विरोध सभा की जानकारी तहफ्फुज ए अवकाफ कॉन्फ्रेंस के संयोजक रियाज शरीफ ने दी है।

चार बजे शुरू होगी विरोध सभा

रियाज शरीफ ने बताया कि इस सभा में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष श्रीनगर के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी, इमरान मसूद, इकरा हसन, मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी, प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल, उपाध्यक्ष मौलाना ओबैदुल्ला खान आजमी, सांसद डॉ मोहम्मद जावेद और मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी भी शामिल होंगे। सभा का आयोजन शाम 4:00 बजे से किया जाएगा।

शांतिपूर्ण तरीके से सभा में आने की अपील

सभा के संयोजक रियाज शरीफ ने एक वीडियो मैसेज के जरिए मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि यह सभा पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाना पूरी कौम की जिम्मेदारी है। सभी लोग शांतिपूर्ण तरीके से सभा स्थल पर पहुंचें। जवानों से अपील की गई है कि जिम्मेदारी का परिचय दें। किसी तरह का शोर-शराबा, हुल्लड़-हंगामा न करें। रियाज शरीफ ने लोगों से कहा है कि उनका विरोध किसी सरकार या पार्टी के खिलाफ नहीं है। बल्कि नए वक्फ कानून के खिलाफ है। इसलिए सब्र का परिचय देते हुए विरोध करना है।

नए वक्फ कानून का हो रहा विरोध

रियाज शरीफ ने बताया कि केंद्र सरकार ने नया वक्फ कानून बिना मुस्लिम समुदाय की सहमति के जल्दबाजी में पारित किया है। मुस्लिम समुदाय इसका विरोध कर रहा है।

कानून में किए गए हैं 44 संशोधन

उन्होंने आरोप लगाया कि नए कानून में 44 संशोधन किए गए हैं, जिससे वक्फ की जमीन को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है। उन्होंने विशेष तौर पर ‘वक्फ बाय यूजर’ के प्रावधान को खारिज करते हुए कहा कि इससे कई ऐतिहासिक मस्जिदें और मदरसे प्रभावित होंगे जिनके पास आज कोई दस्तावेज नहीं हैं।

क्या है वक्फ

रियाज शरीफ ने कहा कि वक्फ की जमीन धार्मिक कार्यों के लिए दान की गई है और इस्लामी कानून के अनुसार उसका स्वरूप नहीं बदला जा सकता। उन्होंने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी सवाल उठाया जिसमें कहा गया था कि वक्फ की संपत्तियों से मुसलमानों का उत्थान किया जाएगा। डॉ शरीफ का कहना था कि सरकार को अपने संसाधनों से मुस्लिम समाज की मदद करनी चाहिए, न कि वक्फ की संपत्तियों को पूंजीपतियों को सौंपने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब ट्रस्ट बोर्ड में गैर मुस्लिम नहीं हो सकते, तो वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम की नियुक्ति का क्या औचित्य है?

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