Mansa Puja 2023 Date and Time (मनसा पूजा कब है 2023) : हिंदू धर्म में अनेक देवी- देवताओं की पूजा की जाती है। बांग्ला पंचाग के अनुसार श्रावण और भाद्रपद मास में मनसा देवी की पूजा की जाती है। जाता है। इस दिन विशेष रूप से सर्प देवता की पूजा की जाती है। मनसा देवी की पूजा का पर्व अधिकतर असम, बंगाल और झारखंड की तरफ मनाया जाता है।मनसा देवी पूजा को नागपंचमी के नाम से भी जाना जाता है। झारखंड में इसका विशेष महत्व है और काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

क्या हैं मनसा देवी के पूजा का महत्व

सनातन धर्म में मां मनसा की पूजा का विशेष महत्व है। मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री के रूप में जाना जाता है। मां मनसा की पूजा करने से मनुष्य के जीवन के सारे रोग दूर हो जाते हैं। यदि किसी की कुंडली में सर्प दोष हो तो उसे मां मनसा की उपासना करनी चाहिए, ऐसा करने से उसका सर्प दोष दूर हो जाता है। अगर किसी के घर में धन की कमी हो रही हो या अन्य को कोई बाधाएं आ रही हो तो इन सब संकटो से भी मां मनसा मुक्ति दिलाती हैं। रोगों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए मां मनसा की पूजा की जाती है।

मनसा देवी कौन हैं

मां मनसा को सर्पों की देवी माना जाता है। मां मनसा के वासुकी नाग की बहन के रूप में भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां मनसा की पूजा सच्चे मन से करने से व्यक्ति के सारे रोग, दोष दूर हो जाते है। मां मनसा की पूजा करने से धन-धान्य की भी प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि खेती के समय मां मनसा जहरीले सांप से भक्तों के खेत- खलिहान की रक्षा करती हैं।

कैसी होती है पूजन विधि

मां मनसा की पूजा अर्चना को लेकर तैयारियां पूरी जोरों से पूरे झारखंड में चल रही है। गुरुवार को संजोत एवं शुक्रवार को रात्रि में पूजा की गई। गुरुवार को भक्तजनों ने दिन भर उपवास रखी। मां मनसा देवी की पूजा-अर्चना शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पूजा-अर्चना के लिए लोगों ने उपवास रखा और रात को मां मनसा पूजा विधि विधान से पूर्ण किया। पूजा के दौरान रात में भक्त मां की पूजा में लीन रहते हैं। विभिन्न क्षेत्रों में धूमधाम के साथ मां मनसा पूजा मनाई जाती रही है।

लोगों ने प्रतिमा स्थापित कर मां मनसा देवी की विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है। कई जगह मनसा मंगल नाटक का भी आयोजन किया गया। लोगों ने अपने अपने घरों में मां मनसा की प्रतिमा स्थापित कर उसे आकर्षक ढंग से सजाया। स्थानीय जलाशय से कलश घट लाकर पूजा स्थल पर स्थापित करते हुए प्रथम चरण की मनसा पूजा शुरू होती है। चारों ओर मनसा पूजा की धूम रहती है। मां मनसा की हर जगह श्रद्धा से पूजी जाती हैं।

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