शराब घोटाला केस: सीनियर आईएएस विनय कुमार चौबे को मिली जमानत
Danger of stray dogs in Jharkhand...the importance of anti-rabies vaccine...

झारखंड में कथित शराब घोटाला केस में आरोपी सीनियर आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को जमानत मिल गई है. एसीबी कोर्ट ने बीएनएस की धारा 187 (2) के तहत विनय कुमार चौबे को राहत दी है.
कोर्ट ने जमानत के लिए कुछ शर्तें भी रखी है मसलन, विनय कुमार चौबे बिना कोर्ट को सूचना दिए राज्य से बाहर नहीं जा सकते. ट्रायल के दौरान अपना मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते. कोर्ट ने विनय कुमार चौबे को 25-25 हजार रुपये के 2 निजी मुचलके पर जमानत दी है.
गौरतलब है कि विनय कुमार चौबे को 20 मई को एसीबी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. विनय कुमार चौबे पर आरोप है कि उत्पाद विभाग का सचिव रहते उन्होंने शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर प्लेसमेंट एजेंजियों के चयन में गड़बड़ी की और सरकारी राजस्व को करीब 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला केस की जांच कर रही ईडी भी विनय चौबे से पूछताछ कर चुकी है.
शराब घोटाला केस में दर्जनभर गिरफ्तारी
गौरतलब है कि झारखंड में कथित शराब घोटाला केस में एसीबी ने आईएएस विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह सहित दर्जनभर लोगों को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तारी के बाद भी इनसे लंबी पूछताछ की गई. प्लेसमेंट एजेंसियों को भी नोटिस जारी किया गया. कई गवाहों को तलब किया गया.
हालांकि, एसीबी निर्धारित 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई. इसी का लाभ आईएएस विनय कुमार चौबे को मिला और उनको बेल मिल गयी.
बाबूलाल मरांडी ने आज ही उठाए सवाल
आज ही बाबूलाल मरांडी ने शराब घोटाला केस में एसीबी द्वारा चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था कि करीब 1000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में सीएम हेमंत के पूर्व सचिव के खिलाफ एसीबी जानबूझकर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं करती है ताकि उनकी जमानत आसान हो जाए.
उन्होंने कहा कि दरअसल, हेमंत सरकार अपने ही पूर्व सचिव की गिरफ्तारी का षड्यंत्र रचती है ताकि ईडी की जांच को प्रभावित किया जा सके. उन्होंने ईडी से मामले को टेकओवर करने की अपील की.