The date of announcement of Lok Sabha election dates has arrived, these restrictions will start with the announcement of elections… read details

नई दिल्ली। देश में जल्द ही 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं। आचार संहित के लगने के इंतजार हो रहा है। क्योंकि आचार संहिता लगते ही देश में चुनावी सरगर्मियां तेज हो जायेगी। कल चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जायेगा और एलान के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो जाएगी, जिससे कई तरह की पाबंदियां भी लग जाएंगी। दरअसल अभी तक मुख्य चुनाव आयुक्त के अलावे दो चुनाव आयुक्त का पद खाली था। जिसे अब भर लिया गया है।

चुनाव आयुक्त के पद भरे जा चुके हैं। शनिवार 16मार्च को चुनाव आयोग की तरफ से तारीखों का ऐलान कर दिया जायेगा। आचार संहिता लागू होने के साथ ही सभी राज्यों और केंद्रीय कर्मचारी सीधे चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आ जायेंगे। मसलन जिन कर्मचारियों से चुनाव आयोग काम कराना चाहेगा, कर्मचारी उसके लिए ना नहीं कर सकेंगे। ट्रांसफर पोस्टिंग पर पाबंदी लग जायेगी। हर काम के लिए चुनाव आयोग की अनुमति राज्य सरकार को लेने होगी। राज्य सरकार के अधिकार चुनाव आयोग के पास निहित होंगे।

आचार संहिता लागू होते ही पाबंदियां शुरू

राजनीतिक पार्टियां-विभिन्न जातियों एवं समुदायों के बीच मतभेद या घृणा बढ़ाने की गतिविधि में शामिल न हों।

  • नीतियों व कार्यों की आलोचना करें, किसी दल, नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर टिप्परणी न करें। -किसी जाति या संप्रदाय की भावनाओं का उपयोग करते हुए वोट डालने की अपील न करें।
  • मंदिर, मस्जिद या पूजा के किसी अन्य स्थान का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न हो।
    -मतदाताओं को रिश्व्त देना, उन्हेंथ डराना धमकाना, मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार-प्रसार करना आपराधिक गतिविधि मानी जाएगी।
    -मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार, सार्वजनिक सभाएं सभी पर प्रतिबंध लागू हो जाता है।
    -राजनीतिक दल या किसी उम्मीपदवार के घर के सामने विरोध प्रदर्शन व धरना न किया जाए।
    -नेता अपने समर्थकों को किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों आदि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने और नारा लिखने की अनुमति नहीं दे सकते।
    -राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक दूसरे दलों की बैठकों अथवा जुलूसों में बाधा न खड़ी करें, न ही उन्हेंऔ भंग करने का प्रयास करें।
    -किसी दल की ओर से उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाए, जहां दूसरे दलो की बैठक चल रही हो। एक दल के लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं की ओर से हटाए न जाएं।
    सभा/रैली और राजनीतिक. बैठकों के लिए ..
  • सभी अथवा रैली के स्थान की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।
    -राजनीतिक पार्टी व नेता पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जिस जगह पर वह सभा करने वाले हैं, वहां पहले से कोई पाबंदी तो लागू नहीं हैं।
  • सभा में लाउडस्पीेकर के उपयोग की इजाजत भी पहले ही ले लें।
    -सभा के आयो‍जक किसी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए पुलिस की सहायता लें।
    जुलूस के लिए क्याे हैं नियम?
  • जुलूस से पहले उसके शुरू होने का समय, रूट और समाप्त होने के समय व स्थाान की अग्रिम सूचना पुलिस को देनी होगी।
    -जिस एरिया से जुलूस निकाल रहे हैं, वहां को पाबंदी तो नहीं है, यह पहले ही पता कर लें।
    -जुलूस का प्रबंधन ऐसे करें कि यातायात प्रभावित न हो।
    -एक से ज्या्दा राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्तेै पर जुलूस का प्रस्तावित हो तो समय को लेकर पहले ही बात कर लें।
    -जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।
    -जुलूस के दौरान हथियार व अन्यक नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री लेकर न चलें।
  • ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई से अनुपालन किया जाए।

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