रांची। बिहार में जिस तरह से सियासी खेला हुआ है, उसके बाद अब झारखंड में भी सियासी उथल पुथल की अटकलें शुरू हो गयी है। ED जिस तरह से अल्टीमेटम के शक्ल में हेमंत सोरेन को समन भेज रही है, उससे तो यही लग रहा है कि फिलहाल अब हेमंत को ज्यादा मोहलत नहीं मिलने वाली। कानूनी दांव हेमंत का पहले ही बेकार चला गया है, अब हेमंत अपने राजनीतिक तीर को आजमाने की तैयारी कर रहे हैं।

हेमंत का चार्टर प्लेन से दिल्ली रवाना होगा, तरह-तरह के कयासों का जन्म दे रहा है। खबर है कि दिल्ली में इंडिया एलायंस से मुलाकात कर हेमंत अपने राजनीति विकल्पों पर राय ले रहे हैं। गठबंधन में ठहराव रहे, इसकी पूरी कोशिश में अब हेमंत जुट गये हैं। विरोधी मानते हैं कि हेमंत सोरेन का जेल जाना लगभग तय है, लेकिन वो वक्त कितना लंबा टाल सकते हैं, ये फिलहाल देखने वाली बात होगी।

इधर, सियासी जानकार कहते हैं कि मुख्यमंत्री का चेहरा अगर बदलता भी है, तो गठबंधन पर इसका असर ना पड़े, सरकार चलती रहे, ये अब हेमंत सुनिश्चित करना चाहते हैं। हेमंत को ये पता है कि अगर सरकार गिरती है या गठबंधन टूटता है तो फिर उनके लिए मुश्किलें ज्यादा बढ़ जायेगी। फिलहाल ये सिर्फ अटकलों में है, क्योंकि अभी तक हेमंत की तरफ से पत्ते नहीं खोले गये हैं।

इधर हेमंत के ED के अल्टीमेटम का काउंटडाउन शुरू हो गया है। 29 या 31 में से किसी एक तारीख को चुनने की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। हालांकि चर्चा है ये है कि आज एक बार फिर से हेमंत की तरफ से जवाब भेजा जायेगा और विधानसभा के बजट सत्र का हवाला देकर ईडी से मोहलत मांगी जायेगी।

चर्चा ये भी है कि दिल्ली में एक बार फिर से हेमंत सीनियर वकीलों से बात कर रहे हैं। ताकि सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर अपने लिए कानूनी विकल्पों की तलाश कर सकें। हालांकि हेमंत की अगली चाल क्या होगी, इस पर जरूर हर किसी की नजर है। फिलहाल तो चर्चाओं का बाजार यही गरम है कि झारखंड में भी तो बिहार को बीजेपी कोई खेला नहीं कर देगी, जिसकी की गुंजाईश दूर दूर तक नहीं है।

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