इंदौर। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और इंडी गठबंधन के साथ गुगली का दौर जारी है। नया मामला इंदौर से आया है, जहां कांग्रेस प्रत्याशी ने नामांकन वापसी के आखिरी दिन खुद ही अपना पर्चा वापस लेकर कांग्रेस को स्वच्छता में टॉप रहने वाले शहर इंदौर से चुनाव में साफ कर दिया। 400 पार का नारा देती बीजेपी देश में एक सीट निर्विरोध जीत चुकी है, दो पर जीत पहले से तय मानी जा रही है। क्योंकि मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट पर INDIA गठबंधन की प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा दस्तखत ना होने से खारिज हो गया।

यहां बाद में INDIA गठबंधन ने अपना प्रत्याशी न रहने पर ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक के कैंडिडेट को समर्थन दे दिया है, फिर गुजरात के सूरत में कांग्रेस के अधिकृत और डमी, दोनों प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया था. बाकी बसपा समेत निर्दलीय प्रत्याशियों ने पर्चा वापस से लिया. बीजेपी के प्रत्याशी निर्विरोध जीत गए. अब मध्य प्रदेश के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के गृह जिले इंदौर की सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना पर्चा वापस ले लिया. है।

कांग्रेस प्रत्याशी ने थामा बीजेपी का दामन
इतना ही नहीं, जब इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी नामांकन वापस लेने पहुंचे तो उनके साथ कलेक्टर ऑफिस में बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला देखे गए. और फिर बीजेपी में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ अक्षय कांति बम निकल पड़े. अब सवाल उठता है कि आखिर क्यों कांग्रेस प्रत्याशी ने ऐसा किया? कहीं सरकार पलटे या विधायक. तुरंत ऑपरेशन लोटस के आरोप लगते हैं. इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी के पर्चा लेकर पलटने पर भी आरोप लगाया जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी की कोई कमजोर नस दबाई गई है.

इंदौर में कांग्रेस की शहर कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव को कलेक्टर दफ्तर के बाहर फोन पर कांग्रेस के किसी नेता को कॉल करके गुस्सा निकालते देखा गया. इस दौरान वह फोन पर कह रहे थे, “मैं शुरु से कह रहा था कि नाम वापस लेगा, पैसा देखकर टिकट दिया क्या योगदाना था? क्या संघर्ष किया? पार्टी हाईकमान को देखना चाहिए हमारे जैसे कार्यकर्ता को मार रही है. अकेले खड़े हैं, वो निकल गया. पार्टी क्यों देती है पैसा देखकर, काम को आधार नहीं बनाते हो?

मध्य प्रदेश की और सीटों पर भी होगा खेल?
यानी कांग्रेस के ही स्थानीय नेता अपने ही प्रत्याशी पर पहले से सवाल उठाते आए. उन्हें डर था कि ये पार्टी पाला पर्चा सब बदलेंगे. हुआ वही जो कांग्रेस के नेताओ को डर था. अब सवाल है कि खजुराहो, सूरत और इंदौर में जो हुआ, क्या आगे मध्य प्रदेश में और भी किसी सीट पर हो सकता है? जवाब में मुख्यमंत्री मोहन यादव कहते हैं कि हमारा दर खुला है, खुला ही रहेगा, तुम्हारे लिए. उन्होंने कहा, “करीब ढाई लाख लोग ज्वाइन कर रह हैं, हमको सेलेक्शन करना पड़ता है किस को आने दें. 179 पूर्व विधायक पार्टी ज्वाइन कर चुके हैं, पार्टी का बढ़ता ग्राफ है।

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