रांची। प्रमाण पत्र में गड़बड़ी की वजह से JSSC ने संस्कृत विषय के करीब 200 अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी रद्द कर दी है। दरअसल संयुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2016 के तहत भर्तियां की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप JSSC की तरफ से भर्ती प्रक्रिया जारी है, इसके तहत जहां अभ्यर्थियों से जिलों के विकल्प मांगे जा रहे हैं, तो वहीं प्रमाण पत्र की जांच भी की जा रही है। इसी कड़ी में संस्कृत विषय के अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन में बडे पैमाने पर गड़बड़ी पायी गयी है।

यहां देखे लिस्ट…..

जबकि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तरफ से निर्देश है कि प्राच्य भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति संबंधित नियुक्ति नियामावली में निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप ही की जायेगी। भर्ती नियम के मुताबिक अभ्यर्थियों का संस्कृत विषय में स्नातक सामान्य वर्ग के लिए 45 प्रतिशत और अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए 40 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण के साथ-साथ साहित्य व व्याकरण में स्नातकोत्तर अथवा आचार्य का प्रमाण पत्र जरूरी होगा। लेकिन कई अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्र निर्धारित अहर्ता के अनुरूप नहीं है।

प्रमाण पत्र की जांच में 138 अभ्यर्थियों ने स्नातकोत्तर संस्कृत, आचार्य(साहित्य /व्याकरण) समर्पित ही नहीं किया। वहीं 42 अभ्यर्थियों ने स्नातकोत्तर संस्कृत आचार्य, साहित्य व्याकरण का प्रमाण पत्र आवेदन समर्पित करने की अंतिम तिथि के बाद समर्पित किया था। वहीं 19 अभ्यर्थी ते, जिन्होंने स्नातकोत्तर संसकृत, आचार्य, साहित/व्याकरण के स्थान पर किसी अन्य विषय के साथ स्नातकोत्तर उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र समर्पित किया था। वहीं 6 ने जाति प्रमाण पत्र जमा नहीं किया, जबकि 6 ने विद्यालय का अनुभव प्रमाण पत्र और 3 ने शिक्षा स्नातक के साथ पर शिक्षा स्नातक स्पेशल का प्रमाण पत्र जमा किया है। इसके अलावे 2 का उम्र तय सीमा से ज्यादा, 3 ने कोई दस्तावेज ही जमा नहीं कराया, जबकि एक अभ्यर्थी को संस्कृत में ही फेल पाये गये।

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