रांची। झारखंड में इन दिनों घोटाले की बाढ़ आयी हुई। भ्रष्टाचार के अपने ही बिछाये जाल में अधिकारी और कर्मचारी फंस भी रहे हैं। ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर घोटाले की कड़ी ED की पकड़ में आने के बाद अब अटकलें लगी है कि आखिर अब अगला नंबर किसका आने वाला है। चर्चा है कि अगले ही कुछ दिनों और भी गिरफ्तारियां हो सकती है।

इससे पहले गुरुवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े केस में ED ने तीन और भी गिरफ्तारियां की है। केस से जुड़े मामले में ईडी ने हजारीबाग में कार्यरत मुंशी और डीड राइटर इरशाद समेत तीन अन्य को गिरफ्तार किया है। गुरुवार की देर रात इन तीनों की गिरफ्तारी की गई है। इरशाद के साथ दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें द रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कोलकाता के दो कर्मचारी संजीत कुमार और तापस घोष हैं। ED ने तीनों को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया।

जमीन मामले में इनकी भूमिका संदिग्ध है, लिहाजा अब इन्हें रिमांड में लेकर पूछताछ की जायेगी। आज कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपियों की एक सप्ताह की रिमांड लेने की कोशिश ईडी करेगी। इरशाद पर कई गंभीर आरोप हैं, जिसमें मूल दस्तावेज में हेराफेरी और फर्जी डीड तैयार करना शामिल है। वहीं, द रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस कार्यालय के कर्मचारी तापस घोष पर जमीन के मूल दस्तावेज को गायब करने का आरोप है। संजीत कुमार ने भी कार्यालय से डीड गायब करने में तापस की मदद की है।इन तीनों की गिरफ्तारी में बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप से भी तार जुड़े हैं। भानु से पूछताछ की गई थी तो कई राज खुले थे।

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