रांची। झारखंड में कांग्रेस विधायकों की प्रेशर पॉलिटिक्स जारी है। बेशक दिल्ली और जयपुर जाने की बातें नाराज कांग्रेस विधायकों की तरफ से आ रही हो, लेकिन जानकारों की नजरों में ये सिर्फ दवाब बनाने की राजनीति है। कैबिनेट विस्तार में मंत्री पद नहीं मिलने से कांग्रेस के 17 में से 12 विधायक नाराज हैं। नाराज विधायकों ने दो दिन में तीन बार बैठक की। 8 विधायक फ्लाइट से दिल्ली रवाना हो गए हैं।

राजनीति के जानकार बताते हैं कि पहले से ही पुराने मंत्रियों के प्रति विधायकों के गुस्से की जानकारी आलाकमान के पास थी, बावजूद अगर मंत्रियों का चेहरा नहीं बदला गया, तो साफ संकेत है कि आगे भी कुछ नहीं होने वाला है। हालांकि दिल्ली में एक दो दिनों तक झारखंड की राजनीति जरूर गरम रहेगा। यूं तो जानकार मानते हैं कि झारखंड में कुछ बड़ा बदलाव नहीं होगा, बावजूद कुछ लोग ये जरूर जानना चाहते हैं कि अगर इन नाराज कांग्रेस विधायकों ने पाला बदल लिया, तो भी क्या होगा।

इस बात में कोई शक नहीं कि अगर इन नाराज विधायकों ने बगावत जारी रखी, तो भाजपा जरूर इस आपदा में अवसर तलाशना शुरू कर सकती है। इसको ऐसे समझ सकते हैं… 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। इनमें सोरेन सरकार के पास 48 विधायक हैं। इनमें 17 विधायक कांग्रेस के हैं। कांग्रेस के 12 विधायक नाराज है। ऐसे में अगर ये सरकार से समर्थन वापस लेते हैं, तो सरकार गिर जाएगी। 2 तिहाई से ज्यादा संख्या होने की वजह से इन्हें दल-बदल कानून से भी परेशानी नहीं होगी।

हालांकि ये बातें सिर्फ कयासों में है। राजनीति के जानकार कहते है कि फिलहाल नाराज कांग्रेस विधायकों में इतनी गट्स नहीं दिख रही है कि वो भाजपा में शामिल हो जाये या फिर इस्तीफा दे दें, लिहाजा आलाकमान के सामने अपनी भड़ास निकालकर सभी झारखंड लौट आयेंगे। इसी बात की ज्यादा संभावनाएं हैं।

राज्य में किसके पास कितने विधायक?
गौरतलब है कि राज्य में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक हैं – जेएमएम-29, कांग्रेस-17 और राजद का एक विधायक. बीजेपी के पास 26 और आजसू पार्टी के पास तीन विधायक हैं. दो निर्दलीय विधायकों के अलावा राकांपा और सीपीआई (एमएल) के एक-एक विधायक हैं. एक मनोनीत सदस्य भी है.

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