रांची। झारखंड की राजनीति किस ओर करवट बदलेगी, ये आशंका वर्ष के पहले दिन से लगनी शुरू हो गई। जिस तरह से झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दिया फिर आनन फानन में इस्तीफा मंजूर भी कर लिया गया, ऐसे में राजनीतिक हलचल तेज होना स्वाभाविक है। इन हलचलों के बीच देश भर की निगाहें झारखंड की राजनीति पर टिक गई है। क्या मुख्यमंत्री के चेहरे बदल जाएंगे या झारखंड को पहली महिला मुख्यमंत्री मिलेगी? इन सभी हलचलों के बीच तमाम तरह की अटकल और कयास लगाने का दौर जारी है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई की आशंका के बीच झारखंड की झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार ने वैकल्पिक रास्ते की तलाश शुरू कर दी है. जमीन घोटाला मामले में ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री सह झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए छह बार समन जारी किया, लेकिन हेमंत सोरेन ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए.

क्यों जताई जा रही है आशंका

इसके बाद सातवां समन जारी करते हुए 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री से कहा गया कि केंद्रीय एजेंसी को उनसे पूछताछ करना है, वह बताएं कि कब और कहां उपलब्ध रहेंगे. ईडी ने उन्हें दो दिन का वक्त दिया था. वक्त बीत जाने के बाद भी हेमंत सोरेन की ओर से ईडी को कोई जवाब नहीं दिया गया. इस बीच गिरिडीह जिले के गांडेय विधानसभा से निर्वाचित विधायक डॉ सरफराज अहमद ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. झारखंड विधानसभा सचिवालय ने सोमवार (एक जनवरी 2024) को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी.

इसके बाद से ही चर्चा है कि ईडी की किसी भी संभावित कार्रवाई के लिए हेमंत सोरेन तैयार हैं. साथ ही सरकार वैकल्पिक रास्ता भी तलाश रही है. अंदरखाने के सूत्र बता रहे हैं कि हेमंत सोरेन की जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. उनको गांडेय से उपचुनाव लड़ाया जा सकता है. इसलिए गांडेय विधानसभा सीट से डॉ सरफराज अहमद का इस्तीफा हुआ है.

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