रांची। निजी स्कूलों की मनमानी किसी से छुपी नहीं है। आलम ये है कि अब प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट तो शिक्षा विभाग के फरमान की भी अवहेलना से गुरेज नहीं कर रहे। मामला BPL परिवार के बच्चों को निजी स्कूल में दाखिला देने का है। दरअसल गरीब परिवार के बच्चों को समान शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने निजी स्कूलों में 25% सीट आरक्षित रखने का कानून बनाया है। लेकिन झारखंड में इस कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही है।

25% आरक्षित सीट के तहत डीपीएस स्कूल सेल टाउनशिप रांची में जिन बच्चों का दाखिला होना था, 6 महीने बाद भी उन स्कूलों में बच्चों को दाखिला नहीं मिल पाया है और सिर्फ डीपीएस ही क्यों अन्य निजी स्कूलों का भी यही हाल है, लिहाजा अब बच्चों के परिजनों ने विरोध में धरना शुरू किया है।

मीडिया को जारी बयान में परिजनों का कहना है कि डीपीएस स्कूल सेल टाउनशिप, रांची और राजधानी के अन्य स्कूलों में बीपीएल परिवार के कोटे के तहत 25 % बच्चों का दाखिला होना होता है। इन कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी डीएसई की होती है। डीएसई रांची ने नामांकन के लिए चयनित 16 बच्चों की सूची भेजी थी, लेकिन 6 माह बाद भी बच्चों स्कूल प्रबंधन ने दाखिला नहीं दिया।

परिजनों ने इस संदर्भ में शिक्षा सचिव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, डीसी रांची, डीईओ रांची व अन्य अधिकारियों से भी गुहार लगायी, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला, जिसके बाद गुरुवार से बच्चों के अभिभावकों ने जाकिर हुसैन पार्क में धरना शुरू कर दिया है।

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