रांची : वित्त विभाग व संलग्न कार्यालयों में वर्षों से अनियमित रूप से कार्यरत 29 कर्मियों के घरों में इस बार दीपावली का जश्न ज्यादा खुशनुमा हो सकता है। वित्त विभाग ने इन कर्मियों के सेवा नियमितीकरण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब इसे स्वीकृति के लिए कैबिनेट भेजा जा रहा है। 21 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में डाटा एंट्री ऑपरेटर, चालक, अनुसेवक और आदेशपाल के पदों पर कार्यरत इन कर्मियों की सेवा नियमितीकरण पर मुहर लग सकती है।

नियमितीकरण क्यों और कैसे

राज सरकार के विभिन्न कार्यालयों में विभिन्न पदों पर अनियमित रूप से हजारों की संख्या में कर्मी कार्यरत है। परिवहन विभाग में भी कंप्यूटर ऑपरेटर व अन्य पदों पर दर्जनों कर्मी कार्यरत थे। उन्हें विभाग ने उसे सेवा से टर्मिनेट कर दिया। उसके बाद वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गए। कोर्ट ने इन कर्मियों की सेवा नियमित करते हुए नियमावली गठन का आदेश दिया। यह भी कहा कि भविष्य में स्थाई प्रकृति के कार्य के विरुद्ध और अनियमित रूप से नियुक्ति नहीं होनी चाहिए।

सारी प्रक्रियाएं पूरी, सिर्फ कैबिनेट की स्वीकृति बाकी

राज्य सरकार ने 2019 में अनियमित रूप से नियुक्त एवं कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमितीकरण के लिए फिर से नियमावली बनाई। उसमें 20 जून 2019 तक स्वीकृत पद के विरुद्ध 10 वर्षों से लगातार सेवा देनेवाले कर्मियों की सेवा नियमित करने का प्रावधान किया गया। उसके आलोक में कई विभागों में भी इक्के-दुक्के कर्मियों की सेवा नियमित की गई। हाल में वित्त विभाग ने भी अनियमित रूप से नियुक्त 29 कर्मियों की सेवा नियमितीकरण के योग्य पाई। वित्त विभाग ने इन कर्मियों की सेवा नियमित करने की अनुशंसा की। इस प्रस्ताव पर विधि और कार्मिक विभाग ने भी सहमति दे दी है। अब कैबिनेट की स्वीकृति भर लेनी है।

इन कर्मियों की सेवा होगी नियमित

मुख्यालय स्टाफ कार चालक नयन दास, मिथिलेश कुमार, आदेशपाल अशोक कुमार एवं शाहिद अली। कोषागारों में कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटर चंपा कुमारी, शकील अहमद, मो. वसीम, शुभेंदू सेनगुप्ता, शीतल दत्ता, विक्रम देवगम, अजय सिन्हा, सुधीर कुमार, राजेश गंजर्वे, अमित सिन्हा, सुभाष चंद्र, शंकर प्रसाद, प्रेम प्रकाश सिंह, प्रकाश कुमार, संतोष कुमार, जीतेंद्र माजी, मनोज कुमार, सुजाता शर्मा, मृत्युंजय पांडेय, लवंगलता आर्य और अनुसेवक रंजन प्रसाद। सांस्थिक वित्त प्रभाग में चालक अरुण कुमार एवं अनुसेवक जगरनाथ ठाकुर तथा भविष्य निधि निदेशालय में कार्यरत चालक सुरेंद्र महली और पदचर सरस्वती देवी।

अन्य विभागों में भी चल रही है कार्यवाही

झारखंड में राज्य सरकार के विभिन्न कार्यालयों में कांट्रैक्ट पर कार्यरत करीब 5000 ऐसे कर्मी हैं। उनको लेकर भी अलग-अलग विभागों में कार्यवाही चल रही है। ऐसे कर्मियों की सेवा नियमितीकरण के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी की कई दौर की बैठक हो चुकी है। हालांकि कमेटी ने अब तक अपनी अंतिम सिफारिश नहीं की है।

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