IPS Prashant Kumar: बिहार के प्रशांत कुमार बनेंगे डीजीपी, 300 से ज्यादा कर चुके हैं इनकाउंटर, थर्राते हैं इनके नाम से अपराधी, जानिये आईपीएस प्रशांत के बारे में

लखनऊ। IPS प्रशांत उत्तर प्रदेश के नये डीजीपी होंगे। राज्य सरकार ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है। अभी प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश के SDG लॉ एंड ऑर्डर थे। अब प्रशांत कुमार के प्रमोशन का आदेश जारी हो गया है, वो एक जनवरी को DGP की जिम्मा संभालेंगे। यूपी के 34 आईपीएस अफसरों के प्रमोशन का आदेश जारी कर दिया गया है।

सूबे के 34 आईपीएस अफसर प्रमोशन पाकर डीआईजी बन गए हैं। जिन 34 आईपीएस अफसरों का प्रमोशन किया गया है वे सभी 2009 और 2010 बैच के अधिकारी हैं. प्रमोशन के बाद उनकी तैनाती का आदेश जल्द जारी होगा। बताते चलें कि प्रशांत कुमार 1990 के आईपीएस अधिकारी है।

प्रशांत कुमार 1990 के आईपीएस अधिकारी है। मूल रूप से बिहार के रहने वाले प्रशांत कुमार को सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद भरोसेमंद अधिकारी माना जाता है। अपनी बहादुरी के लिए प्रशांत कुमार को 3 बार पुलिस पदक मिल चुका है. इसके अलावा राष्ट्रपति से वीरता का पुलिस पदक भी मिल चुका है।

प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीवान में हुआ था. आईपीएस में शामिल होने से पहले प्रशांत कुमार ने एमबीए, एमएससी और एमफिल की डिग्री पूरी की थी. आईपीएस के लिए चुने जाने के बाद प्रशांत कुमार को तमिलनाडु कैडर मिला, लेकिन 1994 में वह यूपी कैडर में चले गए थे. आईपीएस प्रशांत कुमार लोगों के बीच ‘सिंघम’ के नाम से भी मशहूर हैं. प्रशांत कुमार करीब 300 से ज्यादा एनकाउंटर में शामिल रहे हैं. वे सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारियों में से एक हैं।

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उनकी बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें तीन बार पुलिस मेडल मिल चुका है. 2020 और 2021 में उन्हें वीरता पुरस्कार दिया गया था. प्रशांत कुमार को वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) अंतरराज्यीय गैंगस्टर शिव शक्ति नायडू के एनकाउंटर के लिए प्रदान किया गया था. जिसने 2015 में दिल्ली में अदालत परिसर में पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस उपलब्धि के लिए उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी बधाई दी थी. उन्हें अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यूपी में एडीजी पद पर चुना गया था।

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