रांची NMOPS के प्रांतीय कमेटी, जिला कार्यकारिणी एवं जिला QRT टीम की आपातकालीन बैठक प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में पूर्व निर्धारित विचारणीय बिंदुओं पर निम्नांकित निर्णय लिए गए:-

  1. माननीय उच्च न्यायालय में पेंशन के मुद्दे पर आज हुए सुनवाई पर विचार विमर्श किया गया।
    चर्चा के दौरान सदस्यों का स्पष्ट मंतव्य है कि NPS to OPS प्रक्रिया के पहले चरण को पूरा किए बिना इस विषय को न्यायालय में लेकर जाना कर्मचारियों को गंभीर नुकसान पहुंचाने वाला कदम साबित हो सकता है।
    जैसा कि सरकार ने अपने अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि वह एनएसडीएल से पैसे वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी ऐसी स्थिति में सरकार के द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा के उपरांत ही यह विषय न्यायालय में जाना चाहिए था, NMOPS ने अपने अगले कदम को लेकर रणनीति बनाई हुई है।
    फिर भी विषय वस्तु अभी स्पष्ट नहीं है कि न्यायालय कि में वर्ष 2004 से पहले के विज्ञापन वाले विषय पर सुनवाई चल रही है अथवा समस्त कर्मचारियों को लेकर स्थिति स्पष्ट होते ही एनएमओपीएस के द्वारा इस पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी ।
  2. प्रक्रिया की धीमी गति को लेकर चिंता व्यक्त की गई। अभी तक राज्य की मात्र 12000 कर्मचारियों ने ही फॉर्म अप्लाई किया है। गति को तीव्र करने हेतु प्रत्येक जिले में जिला कमेटी के द्वारा *कैंप लगाकर* की NPS to OPS प्रक्रिया में तेजी लाने का निदेश दिया गया। कर्मचारी यदि इस विषय को लेकर सक्रिय नहीं हुए तो *नवंबर माह का वेतन भी विलंबित सकता है।* हालांकि एनएमओपीएस का यह प्रयास रहेगा कि ऐसा ना हो।
  3. बैठक में जुड़े सदस्यों के द्वारा प्रक्रिया के दौरान आने वाली समस्याओं के संदर्भ में कई बिंदुओं को स्पष्ट किया गया, इनमें से कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नांकित है क. भविष्य निधि निदेशालय के पत्रांक 1081 के आलोक में *कर्मचारी के द्वारा डॉक्यूमेंट अपलोड करने से पूर्व निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी का हस्ताक्षर अनिवार्य नहीं है।* कर्मचारी सर्वप्रथम अपने हस्ताक्षर से डाक्यूमेंट्स को अपलोड करेंगे और अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट का मूल प्रति अपने डीडीओ के पास जमा करेंगे डीडीयो हस्ताक्षर करने के उपरांत इसे जिला भविष्य निधि कार्यालय को भेज देंगे। ख. नॉमिनी के गवाह के लिए सरकारी कर्मचारी का होना अनिवार्य नहीं है परंतु गवाह का पहचान स्पष्ट होना चाहिए यदि वह सरकारी कर्मचारी है तो वह अपना प्राण नंबर लिखे और यदि वह सरकारी कर्मचारी नहीं है तो वह अपने पहचान का कोई भी संख्या जैसे पैन नंबर अथवा आधार नंबर लिखेंगे। ग. बेसिक पे एवं विभाग आदि का नाम अद्यतन करने की जिम्मेदारी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी तथा कोषागार पदाधिकारी की है, ऐसी स्थिति में यदि किसी भी पदाधिकारी अथवा उनके सहायकों के द्वारा इस कार्य के लिए किसी प्रकार के धन शोधन की बात संज्ञान में आती है तो *संबंधित पदाधिकारी के विरूद्ध संबंधित विभाग, वित्त विभाग एवं माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय को कार्रवाई हेतु लिखा जाएगा।* प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार के भ्रष्ट आचरण को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घ. कुछ जिलों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि जिला शिक्षा अधीक्षक के द्वारा यह पत्र निकाला गया है की निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी, कर्मचारियों का फॉर्म उनके कार्यालय में जमा करेंगे। यह सरकार द्वारा निर्धारित नियम के बिल्कुल विरुद्ध है। संबंधित जिला संयोजक ऐसे पदाधिकारियों से मिलकर उन्हें नियमों की जानकारी देंगे। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान केवल 3 ही स्टेप बनाए गए हैं *पहला कर्मचारी, दूसरा निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी और तीसरा भविष्य निधि कार्यालय* इसके अलाववे और कोई भी पदाधिकारी बेवजह विलंबित करने वाला कार्य ना करें यह NMOPS Team सुनिश्चित करेगी । च. शपथ-पत्रों की राशि में असमानता को लेकर यह स्पष्ट किया गया कि यह राशि सामान्यता ₹100 से ₹150 के बीच होनी चाहिए।
  4. इससे अधिक राशि की मांग करने वाले नोटरी से कोई भी कर्मचारी शपथ पत्र ना बनवाएं और संबंधित जिला बार एसोसिएशन से मिलकर गिरिडीह की भांति एक शुल्क निर्धारित करवा लें। अंत में पेंशन योद्धाओं को दिनांक 15 नवंबर तक शत प्रतिशत कर्मचारियों के द्वारा फॉर्म अप्लाई करवाने का लक्ष्य दिया गया।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...