रांची: झारखंड में पुरानी पेंशन बहाली का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। NPS के अंशदान की राशि वापस करने को लेकर दायर याचिका पर जस्टिस आनंद सेन की बेंच में सुनवाई हुई। इस मामले में झारखंड के फाइनेंस सिकरेट्री को हाईकोर्ट ने तलब किया है। एनपीएस की अंशदान राशि कैसे लौटायी जायेगी और राज्य सरकार ने अपने स्तर से क्या कार्रवाई की है। सरकार के निर्णय की जानकारी कर्मचारियों को कैसे पहुंचायी जा रही है। इन तमाम सवालों को लेकर याचिका दायर की गयी है। इस मामले में आज सुनवाई होगी।

कुछ माह पूर्व सरकार ने इसे कैबिनेट से पारित कर लागू करने की कवायद शुरू कर दी है। हेमंत सोरेन ने कैबिनेट बैठक के बाद जब इसे लागू करने की घोषणा की थी तो कर्मचारियों ने जमकर जश्न मनाया था। सरकार ने इस मामले में सभी कर्मियों को 15 नवंबर तक शपथ पत्र देने को कहा है। इस मामले में उक्त निर्णय से पहले ही जमशेदपुर के कई शिक्षकों की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया था कि उनकी नियुक्ति भले ही वर्ष 2004 के बाद हुई है। लेकिन नियुक्ति का विज्ञापन और प्रक्रिया वर्ष 2004 से पहले शुरू की गई थी। ऐसे में उन्हें भी पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए, लेकिन अब सरकार से निर्णय की वजह से नई स्थितियां पैदा हो गई है।

याचिकाकर्ता की तरफ से नियुक्त वकील ने कोर्ट में बताया कि एनपीएस 2004 के बाद लागू की गई है। इसके लिए कर्मियों का अंशदान भी लिया गया है, जो NSDL नाम की एजेंसी के पास जमा है। ऐसे में उक्त अंशदान को कैसे वापस लाया जाएगा। मालूम हो कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए झामुमो ने विधानसभा चुनाव में जनता से वादा किया था। सरकार बनने के बाद से ही बड़े पैमाने पर कर्मचारी इसे लागू करने की मांग कर रहे थे।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...