रांची । वीडियो कांड में फंसे सीनियर IAS राजीव अरूण एक्का की मुश्किलें बढ़ गयी है। राज्य सरकार ने आईएएस राजीव एक्का के खिलाफ जांच के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। उनके विरुद्ध लगाए गए आरोपों की जांच झारखंड, हिमाचल और उत्तराखंड के रिटायर्ड चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता करेंगे। सोमवार की देर रात कार्मिक विभाग ने इस आशय की अधिसूचना जारी की है।

राजीव अरुण एक्का का एक वीडियो सामने आया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद से हटा दिया था।झारखंड कैडर के 1994 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजीव अरुण एक्का पर आरोप है कि उन्होंने एक निजी दफ्तर में बैठकर सरकारी फाइलें निपटाई। पिछले दिनों भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इससे संबंधित एक वीडियो क्लिप जारी किया था।

सरकार इन आरोपों के संदर्भ में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराना चाहती है।एक्का के पास गृह और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का भी प्रभार था। वे संप्रति पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं। जांच छह माह में पूरी होगी। आयोग सरकार को अपने निष्कर्ष, तथ्य और अनुशंसा से अवगत कराएगा। कार्मिक विभाग की अधिसूचना में उल्लेख है कि एक्का को लेकर जारी वीडियो के अनुसार यह सरकारी सेवा के तहत प्रमुख पदों पर रहते हुए पद का दुरुपयोग है।

वंदना डाडेल बनी प्रधान सचिव


इससे पहले वंदना दादेल को मुख्यमंत्री का प्रधान सचिव बनाया गया। इसके साथ ही उनके पास गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार रहेगा। वर्तमान में उनके पास कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव का दायित्व था जो अब अतिरिक्त प्रभार के तौर पर उन्हीं के पास रहेगा। इसके साथ उनके पास से उद्योग विभाग का प्रभार वापस लेते हुए वहीं पदस्थापित निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह को उद्योग विभाग का प्रभारी सचिव बनाया गया है।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...