रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स निदेशक को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि आप अगर यह पद नहीं संभाल पा रहे हैं तो छोड़ दे। इलाज की लचर व्यवस्था और विभिन्न रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद को शो कॉज नोटिस जारीकिया था। आज इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव उपस्थित थे। सुनवाई के दौरान अदालत ने जमकर फटकार लगाई। स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह से पूछा कि किस प्रावधान के तहत आपने आउटसोर्सिंग का सहारा लिया। रिम्स के निर्देशक को काम नहीं करना तो इस्तीफा दे दीजिए। हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए निदेशक को बदलने की भी सलाह दी।

झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस उदित नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने विभिन्न मामलों की सुनवाई एक साथ की। रिम्स की और व्यवस्था को देखते हुए हाईकोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि किसी आईएएस अधिकारी के हाथ में रिम्स की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।

नियुक्ति और अव्यवस्था को लेकर कई सवाल

कोर्ट ने पिछली बार हुई सुनवाई में राज्य के स्वास्थ सचिव को सशरीर उपस्थित होने आदेश दिया था। 28 जनवरी 2022 को चार माह के अंदर सभी स्वीकृत और खाली पदों को भरने का आदेश दिया गया।

किस नियम के तहत मांगा गया था आवेदन


चतुर्थ वर्ग के 467 विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए जो विज्ञापन निकाला गया। उसमें झारखंड के नागरिकों, बाद में सुधार कर झारखंड के निवासियों से आवेदन क्यों मांगा गया। यह किस कानून, नियम, परिनियम, सर्कुलर या सरकार के किस आदेश से इस तरह का आवेदन मांगा गया है। रिम्स में इलाज की लचर व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था ।

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