हाईकोर्ट न्यूज। कोर्ट के अवमानना मामले को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है। पूर्वी चंपारण मोतिहारी के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ललित नारायण रजक को 2 दिन जेल की सजा सुनाई है। उन 2 दिनों के लिए उन्हें पटना के बेउर जेल में रखा जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने अपने ₹50 हजार का हर्जाना याचिकाकर्ता को देने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकल पीठ में पंचायत शिक्षक की नियुक्ति से संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को ये आदेश दे दिया।

वेतन के लिए दायर की थी अवमानना याचिका

हाईकोर्ट ने जुलाई 2019 तक का वेतन देने का आदेश संबंधित अधिकारी को दिया था परंतु जब वेतन भुगतान नहीं किया गया तो हाईकोर्ट ने डीईओ को नोटिस जारी किया। DEO ने कोर्ट को बताया कि वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं उन पर अवमानना की कार्रवाई न की जाए। इस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ललित नारायण रजक को दोषी पाते हुए 2 दिनों के लिए पटना के बेउर जेल भेजने की सजा सुनाया और कहा कि याचिकाकर्ता को ₹50 हजार जुर्माना के रूप में देंगे।

वेतन के लिए दायर की थी अवमानना याचिका

याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका वेतन के लिए दायर की थी। कोर्ट ने संबंधित अधिकारी को वेतन देने का निर्देश भी जारी किया गया था। परंतु कोर्ट के आदेश के बाद भी याचिकाकर्ता को बकाए वेतन का भुगतान नहीं किया गया। उल्टे जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उन पर दबाव डाला जा रहा है। साथ ही उन्होंने निर्देश जारी किया की अगले आदेश तक उनसे काम नहीं लिया जाना चाहिए। यदि कार्य लिया जाता है तो प्रभारी प्राचार्य की जवाबदेही होगी।

क्या है मामला

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि उनकी नियुक्ति 1 अक्टूबर 2007 को पूर्वी चंपारण में सेमवापुर में पंचायत शिक्षक के पद पर हुई थी। 4 सितंबर 2012 को याचिकाकर्ता को उसके पद से हटा दिया गया। और उसकी जगह मुन्नी कुमारी को इस पद पर नियुक्त कर लिया गया। याचिकाकर्ता ने जब कोर्ट में मामला दायर किया तो कोर्ट ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट के आदेश के बाद दुबारा नियुक्त कर दिया गया। लेकिन इस बीच की अवधि का वेतन नहीं दिया गया। इसी बीच की अवधि के लिए कोर्ट ने ये फैसला सुनाया।

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