पटना। हिमाकत तो देखिये ! IPS को बचाने के लिए एक नटवरलाल ने खुद को चीफ जस्टिस बताते हुए सीधे DGP को ही फोन कर दिया। अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य अभियुक्त अभिषेक अग्रवाल समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से काफी मोबाइल भी मिला है। दरअसल गया के पूर्व SP व वर्तमान में AIG आदित्य कुमार को EOU ने नामजद आरोपी बनाया है। हालांकि वो फिलहाल फरार बताये जा रहे हैं। उनका मोबाइल भी स्विच आफ है।
दरअसल गया के SP रहते आदित्य कुमार पर आरोप था कि फतेहपुर के थानेदार ने शराब की बड़ी खेप पकड़ी थी। थानेदार ने शराब और तस्करों को छोड़ दिया। तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा ने SSP को इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिये, लेकिन गया के SP ने इस मामले में थानेदार को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया। बाद में पूरे प्रकरण में एसपी की भी भूमिका संदिग्ध मिली। इसी मामले को लेकर ठग अभिषेक DGP एसके सिंघल को फोन कर केस को रफा दफा करने को कह रहा था।
शातिर ठग अभिषेक ने खुद को हाईकोर्ट को चीफ जस्टिस बताकर डीजीपी को व्हाट्सएप काल करता था। उसने कई व्हाट्सएप पर मैसेज भी किये, कमाल की बात ये है कि ये पूरी बातचीत और मैसेज उसने फर्जी तरीके से हासिल किये सिम कार्ड से किया। डीजीपी को आईपीएस आदित्य के खिलाफ मामला बंद कर उनकी पोस्टिंग के लिए दवाब बनाता था।
शनिवार को मामले की प्राथमिकी दर्ज की गई और अभिषेक (निलियम अपार्टमेंट, नागेश्वर कॉलोनी) के साथ साजिश में शामिल गौरव राज, राहुल रंजन जायसवाल और शुभम कुमार को गिरफ्तार किया है। अभिषेक पहले भी दिल्ली से पटना तक ऐसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। गृहमंत्री के नाम पर फोन कर वह आईपीएस अफसरों पर काम करने का दवाब बनाता था। बिहार कैडर के आईपीएस अफसर सौरभ साह के पिता से भी जालसाजी की है। इसको लेकर भागलपुर के कहलगांव में प्राथमिकी दर्ज है।