Heart Attack और Chronic Stress: जानिए वो छुपा हुआ खतरा जो सीधे दिल पर करता है वार
दिनों-दिन बढ़ता तनाव कब ले ले जान, पता भी नहीं चलता – यही बन रहा है साइलेंट किलर!

नई दिल्ली: आज के दौर में हार्ट अटैक Heart Attack कोई उम्र देखकर नहीं आता। सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, अब 25-30 की उम्र वाले युवाओं तक इसकी चपेट में आ रहे हैं। लेकिन असली चौंकाने वाली बात ये है कि एक ऐसा कारण है जिसे लोग नजरअंदाज कर रहे हैं, और वो कारण धीरे-धीरे दिल को अंदर से खोखला कर देता है—क्रोनिक स्ट्रेस।
शुरुआत में यह तनाव सामान्य सा लगता है, मगर यही अगर लंबे समय तक बना रहे तो यह दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचाने लगता है। हार्ट अटैक के कई हाई-प्रोफाइल केस इसी वजह से हुए हैं—सिद्धार्थ शुक्ला, पुनीत राजकुमार, राजू श्रीवास्तव, केके और हाल ही में शेफाली जरीवाला। ये नाम इस साइलेंट किलर के सबूत हैं।Heart Attack
क्रोनिक स्ट्रेस क्या है?
फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग प्रमुख डॉ. विनीत बंगा बताते हैं कि क्रोनिक स्ट्रेस यानी लंबे समय तक बना रहने वाला तनाव, शरीर के लिए बेहद खतरनाक है। इससे शरीर में लगातार कॉर्टिसोल और एड्रिनलिन जैसे हार्मोन बनते रहते हैं जो दिल की धड़कन बढ़ाते हैं, ब्लड प्रेशर को ऊपर पहुंचाते हैं और नसों को संकुचित कर देते हैं।
नतीजा?
दिल का दौरा।
सिर्फ दिल ही नहीं, दिमाग भी खतरे में
इतना ही नहीं, लंबे समय तक तनाव में रहना आपके मस्तिष्क की सेहत को भी बिगाड़ सकता है। इससे सेरोटोनिन की कमी हो सकती है जिससे डिप्रेशन और चिंता बढ़ती है, डोपामिन की कमी से खुशी का अनुभव कम होता है, और नॉरएपिनेफ्रिन की कमी से डर और बेचैनी बढ़ती है।यह स्थिति आगे चलकर अल्जाइमर और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों तक का खतरा पैदा कर सकती है।Heart Attack
क्या है समाधान?
क्रोनिक स्ट्रेस का इलाज केवल योग या घर पर ध्यान से नहीं होता। इसके लिए पेशेवर परामर्श जरूरी है। साथ ही, लाइफस्टाइल में बदलाव भी बहुत जरूरी है—जैसे पर्याप्त नींद, पौष्टिक भोजन, सोशल एक्टिविटी, और एक्सरसाइज।Heart Attack