रांची। आज कोर्ट में योगेंद्र साव, रमेश मुंडा, समरी लाल और रामेश्वर उरांव से जुड़े अलग-अलग मामलों में सुनवाई हुई। कुर्की जब्ती मामले पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को हाईकोर्ट से राहत मिल गयी है। आज कोर्ट में योगेंद्र साव, रमेश सिंह मुंडा, समरी लाल और रामेश्वर उरांव से जुड़े अलग-अलग मामलों में सुनवाई हुई। योगेंद्र साव को फरार घोषित कर कुर्की के आदेश को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर योगेंद्र साव दिसंबर तक निचली अदालत में हाजिर हो जाते हैं तो निचली अदालत के कुर्की जब्ती का आदेश प्रभावी नहीं होगा। कोर्ट में अधिवक्ता ने बताया कि योगेंद्र साव को जमानत देते हुए राज्य से बाहर रहने की शर्त लगायी थी, जिसकी वजह से वो कई मामलों में सामने नहीं हो सके।

वहीं पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में दो गवाहों के खिलाफ गवाही दर्ज की गयी। NIA ने इस मामले में दो गवाह पीयूष कुमार और केशव नाथ की गवाही दर्ज की। इस मामले में नक्सली कुंदन पाहन, पूर्व मंत्री गोपाल कृष्ण समेत कई आरोपी जेल में हैं। रमेश सिंह मुंडा की हत्या 9 जुलाई 2008 को नक्सली हमले में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।

इधर, रामेश्वर उरांव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका कोर्ट में वापस ले ली गयी। याचिकाकर्ता सुखदेव भगत ने याचिका वापस लेने की गुहार लगायी गयी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर ली। 2020 में रामेश्वर उरांव के निर्वाचन को सुखदेव भगत ने चैलेंज किया था।

कांके विधायक समरीलाल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई हुई। कोर्ट अब इस मामले में डे टू डे सुनवाई करेगी। समरीलाल की तरफ से 32 गवाहों की लिस्ट दी गयी है। बुधवार को समरीलाल की ओर से टीकम चंद्र की गवाही दर्ज की गयी। आपको बता दें कि सुरेश बैठा ने समरी लाल के निर्वाचन को चुनौती दी है।

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