गिरिडीह : मनरेगा जॉब कार्डधारी मजदूर अगर जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा के तहत कार्य नहीं करते हैं तो उन्हें कार्य करने की जरूरत है। साल में कम से कम मनरेगा जॉब कार्ड धारियों को 15 दिन कार्य करने की जरूरत है। यदि वह 15 दिन भी कार्य करते हो और जॉब कार्ड में एंट्री कराते हो, तब दुर्घटना में या फिर नॉर्मल मौत होने पर उनके आश्रितों को मुआवजा दिया जाएगा।

दुर्घटना में मौत पर 2 लाख और नार्मल मौत पर एक लाख का है मुआवजा

दुर्घटना में मौत होने पर मनरेगा मजदूर के आश्रितों को 2 लाख रुपए और नॉर्मल मौत होने पर 1 लाख रुपए आश्रितों को मुआवजा मिलेगा। विधायक विनोद कुमार सिंह ने यह जानकारी मनरेगा मजदूरों को दी है। उन्होंने मनरेगा मजदूरों से अपील की कि वे कम से कम साल में 15 दिन कार्य जरूर करें और जॉब कार्ड में एंट्री भी कराएं चुकी कई बार दुर्घटनाओं में मजदूरों की मौत होने के मामले सामने आते हैं ऐसी स्थिति में उनके आश्रितों को आर्थिक सहयोग मिल पाएगा।

कैबिनेट में मिली स्वीकृति

विधायक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मनरेगा मजदूरों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए कैबिनेट से मंजूरी मिल मिल गई है। इसके लिए मनरेगा मजदूरों को साल में कम से कम 15 दिन मनरेगा मजदूरी करनी है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास दोहा आदि को मनरेगा से जोड़ा गया है। तथा मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में अगर हुई तो उन्हें जानकारी दें, वे आश्रित परिवार को मुआवजा दिलाएंगे।

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