भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया के जरिए अपने परिवार के त्याग करने की घोषणा कर दी है। उमा भारती का कहना है कि अब उनका अपने परिवार से कोई नाता नहीं है। अभी तक लोग उन्हें दीदी कहते थे, लेकिन अब वह सारे विश्व समुदाय की दीदी मां कहलाएगी, क्योंकि उनका अपने परिवार से कोई निजी संबंध नहीं रहेगा।

भाजपा की फायर ब्रांड लीडर रही उमा भारती को संन्यास लिए हुए 30 साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन उनका परिवार से संबंध बना रहा था। लेकिन अब उमा भारती अपने परिवार को पूरी तरह से त्यागने जा रही है। इसे लेकर उमा भारती ने ट्वीट कर बताया कि वह 17 नवंबर को सागर में सार्वजनिक तौर मुनिजनों के सामने माइक से घोषणा करके परिवार से पूरी तरह से मुक्त हो जाऊंगी। अब मेरा निजी कोई परिवार नहीं होगा।

उमा भारती ने ट्वीट कर कहा है कि मेरी संन्यास दीक्षा के समय पर मेरे गुरु ने मुझसे एवं मैंने अपने गुरु से 3 प्रश्न किए, उसके बाद ही संन्यास की दीक्षा हुई। मेरे गुरु के 3 प्रश्न थे-

  • (1) 1977 में आनंदमयी मां के द्वारा प्रयाग के कुंभ में ली गई ब्रह्मचर्य दीक्षा का क्या मैंने अनुशरण किया है?
  • (2) क्या प्रत्येक गुरु पूर्णिमा को मैं उनके पास पहुंच सकूंगी?
  • (3) मठ की परंपराओं का आगे अनुशरण कर सकूंगी?

तीनों प्रश्न के उत्तर में मेरी स्वीकारोक्ति के बाद मैंने उनसे जो तीन प्रश्न किए-

  • (1) क्या उन्होंने ईश्वर को देखा है?
  • (2) मठ की परंपराओं के अनुशरण में मुझसे भूल हो गई, तो क्या मुझे उनका क्षमादान मिलेगा?
  • (3) क्या मुझे आज से राजनीति त्याग देना चाहिए?

उमा ने आगे कहा कि पहले दो प्रश्नों के अनुकूल उत्तर गुरुजी द्वारा मिलने के बाद तीसरे प्रश्न का उनका उत्तर जटिल था। मेरे परिवार से संबंध रह सकते हैं, किंतु करुणा एवं दया। मोह या आसक्ति नहीं। साथ ही, देश के लिए राजनीति करनी पड़ेगी। राजनीति में मैं जिस भी पद पर रहूं, मुझे एवं मेरी जानकारी में सहयोगियों को रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार से दूर रहना होगा। इसके बाद मेरी संन्यास दीक्षा हुई। मेरा मुंडन हुआ, मैंने स्वयं का पिंडदान किया। मेरा नया नामकरण संस्कार हुआ, मैं उमा भारती की जगह उमाश्री भारती हो गई।

संन्यास दीक्षा के 30वें वर्ष के दिन मैं उनकी आज्ञा का पालन करने लग जाऊंगी। यह आज्ञा उन्होंने 17 मार्च, 2022 को रहली, जिला सागर में सार्वजनिक तौर पर माइक से घोषणा करके मुनिजनों के सामने दी थी। मैं परिवारजनों को सभी बंधनों से मुक्त करती हूं। मैं स्वयं भी 17 नवंबर को मुक्त हो जाऊंगी। मेरा संसार व परिवार व्यापक हो चुका है। अब मैं सारे विश्व समुदाय की ‘दीदी मां’ हूं। मेरा निजी परिवार नहीं है।

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