रांची महिला कॉलेज में क्षेत्रीय भाषा ‘हो’ विषय में कार्यरत नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ लक्ष्मी पिंगुवा का गुरुवार को ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया. वे पश्चिमी सिंहभूम के मंझारी प्रखंड की निवासी थी. उनके निधन पर कोल्हान विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने शोक व्यक्त किया है.

झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर कांट्रैक्टच्युल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ एसके झा ने कहा कि डॉ लक्ष्मी के निधन से झारखंड के बौद्धिक जगत में बहुत बड़ी शून्यता आ गई. अध्यक्ष ने कहा जब से नई शिक्षा नीति आई है तब से नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर लगातार मानसिक व आर्थिक प्रताड़ना का शिकार हो रहे है।

सूत्र बताते है की डा लक्ष्मी_पिंगुआ को पिछले दिनों के बैकलॉग में नियुक्त परमानेंट सहायक प्राध्यापकों द्वारा इतनी बुरी तरह मानसिक प्रताड़ना दी गई। बात बात पर ताने दी जाती रही और इतनी अधिक कि वो रोती रही और परमानेंट सहायक प्राध्यापक उनको बोलते रहे। अंत में वो बेहोश होकर गिर गई। उनको अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां आज उनका देहांत हो गया।

डॉ लक्ष्मी पिंगुवा के पति बिरसी कुंकल के अनुसार 21 जुलाई को महाविद्यालय प्रांगण में कुछ शिक्षकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था. इसके बाद उनकी तबियत खराब हो गई थी इस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बुधवार को ब्रेन हैमरेज से उनका असमय निधन हो गया. डॉ लक्ष्मी पिंगुवा एक सामान्य परिवार से निकल कर उच्च शिक्षा प्राप्त कर काफी संघर्षपूर्ण जीवन से इस सेवा में आयी थी.

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