धनबाद । जिले की गिरती स्वास्थ्य व्यवस्था में हर दिन एक से बढ़कर एक कारनामे हो रहे है। राज्य भर में स्वास्थ्य व्यवस्था पहुंचाने में विफल होने के वावजूद प्रखंडो में प्रभारी हर दिन एक से बढ़कर एक आदेश जारी कर रहे है। विभाग का आदेश का अनुपालन कम उसकी अवहेलना हर दिन की जा रही है। राज्य भर में फिसड्डी जिला होने के बावजूद व्यवस्था में सुधार कहीं भी दिखती नजर नहीं आती।

ताजा मामला सीएससी गोविंदपुर का है जो हर दिन अपने कारनामों को लेकर पूरा प्रबंधन सवालिया घेरे में खड़ा रहता है। कभी एएनएम पर मेहरबानी, तो कभी आंकड़े में फिसड्डी को लेकर वरीय पदाधिकारी से फटकार के वावजूद अपनी कार्यशैली में सुधार करने के बजाय चर्चाओं में रहना नियति बन गई है।और अब मामला सरकारी कार्यक्रम की जिम्मेदारी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों के जिम्मे सौंपने का है।

क्या है मामला

विभागीय आदेश के अनुरूप हर माह 21 तारीख को परिवार कल्याण दिवस मनाया जाता है। परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।कार्यक्रम में नव दंपति, परिवार नियोजन की विधि अपनाने वाले दंपति, दो या दो से कम बच्चे वाले दंपति, बच्चों में तीन साल का अंतर रखने वाले दंपति को कार्यक्रम में शरीक कराया जाता है।

ऐसे दंपति को सरकार द्वारा चलाए जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम मसलन बंध्याकरण, पुरुष नसबंदी, ओरल पिल्स, इमरजेंसी पिल्स, कंडोम, माला N , गर्भधारण को रोकने वाली सुई, दो बच्चों में अंतर संबंधित अन्य जानकारी दी जाती है। इस कार्यक्रम में दंपतियों को बुलाया जाता है, ताकि ऐसी समझ की बढ़ाया और जानकारी दी जा सके। कार्यक्रम में शरीक दंपति के बीच वाद विवाद, क्विज के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 6 दंपति को पुरस्कृत भी किए जाते हैं।

चपरासी संभालेंगे परिवार कल्याण दिवस का जिम्मा

सीएचसी गोविंदपुर के प्रभारी डा विशेश्वर ने 11 नवंबर को पत्र जारी कर सीएचसी गोविंदपुर में परिवार कल्याण दिवस कार्यक्रम की जिम्मेदारी चतुर्थ वर्गीय कर्मी चंदेश्वर सिंह और पीएचसी चुटियारो की जिम्मेदारी चतुर्थ वर्गीय कर्मी महेंद्र सिंह को सौंपी है। पूर्व में सीएचसी गोविंदपुर में ये कार्यक्रम का आयोजन प्रतिनियुक्त एएनएम के द्वारा कराया जाता था। प्रभारी की एएनएम पर मेहरबानी की खबरे मीडिया में खबर छपने के बाद नए आदेश में उस एएनएम का नाम हटाकर चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को सौंप दिया गया। जबकि संस्थान में दो – दो एएनएम पदस्थापित है।

सवालों के घेरे में आदेश, कार्यक्रम की सफलता पर संशय

परिवार नियोजन कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे हैं परिवार कल्याण दिवस कि सफलता पर सवाल उठना स्वाभाविक है क्योंकि कार्यक्रम की सफलता के लिए चतुर्थ वर्गीय कर्मी की योग्यता और कार्यक्रम की जानकारी के अनुकूल नहीं है। साथ ही कार्यक्रम मे बुलाए जाने वाले दंपति की जानकारी भी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी को नही होती। जिस तरह से फिर एक बार सीएचसी प्रभारी ने नया आदेश जारी किया है उससे सवाल उठना स्वाभाविक है की प्रभारी विभागीय आदेश का अनुपालन न कर मेहरबानी आदेश जारी करने का क्यों इतनी दिलचस्पी ले रहे?

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