वास्तु टिप्स : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के लिए कई नियम बताए हैं. वहीं वास्तु शास्त्र में भी पूजा घर से लेकर पूजा-पाठ के नियम व दिशा बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करने से पूजा सफल होती है और घर पर सुख-समृद्धि आती है.

हर घर पर देवी-देवताओं की पूजा के लिए एक विशेष स्थान, पूजाघर या मंदिर बना होता है. यह घर का सबसे पवित्र स्थान होता है. पूजाघर में देवी- देवताओं की नियमित पूजा भी की जाती है. इसलिए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि इस पवित्र स्थान पर किसी तरह का कोई दोष न हो. वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजाघर में दोष होने से कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है.

पूजा में क्यों नहीं रखनी चाहिए माचिस की डिब्बी

  • पूजाघर में हम पूजा-पाठ से जुड़ी कई सामग्री रखते हैं. इन्हीं में एक है माचिस की डिब्बी, जिसका इस्तेमाल दीप, धूप या अगरबत्ती जलाने में किया जाता है. लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजाघर में माचिस की डिब्बी रखने को बहुत अशुभ बताया गया है.
  • पूजाघर में माचिस की डिब्बी रखने से घर पर नकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह बढ़ता है. पूजाघर पवित्र स्थान होता है, ऐसे में इस पवित्र स्थान पर ज्वलनशील सामग्री रखना अशुभ माना जाता है.
  • माचिस के साथ ही पूजाघर में लाइटर आदि जैसी ज्वलनशील सामग्री भी नहीं रखनी चाहिए. यदि आप पूजा-पाठ का शुभ फल पाना चाहते हैं तो, मंदिर में इन चीजों को न रखें. आप धूप-दीप जलाने के बाद इसे किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं.
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, माचिस को मंदिर में या भगवान की मूर्ति के पास नहीं रखना चाहिए. माचिस जलाने के बाद इसकी तिली को भी मंदिर में नहीं फेंकना चाहिए. क्योंकि माचिस की जली हुई तीलियां नकारात्मकता को बढ़ाती है, जोकि घर के लिए दुर्भाग्य का कारण भी बनती है.
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर या पूजाघर के साथ ही बेडरूम में भी माचिस या लाइटर जैसी ज्वलनशील चीजें नहीं रखनी चाहिए. ऐसा करने से इसका नकारात्मक प्रभाव दांपत्य जीवन पर पड़ता है.

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