धनतेरस विशेष। इस बार धनतेरस पर तीन योग एक साथ पड़ने से ये पर्व अपने आप में खास है। सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग इस पर्व के महत्व को बढ़ा रहे हैं। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 5:40 से 8:50 के बीच रहेगा।

आचार्य पंडित राकेश कुमार शुक्ला ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। यह पर्व भगवान धनवंतरी के प्रकट दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर को पड़ रहा है।

इसके साथ ही धनतेरस प्रदोष व्रत और हनुमान जयंती का सहयोग भी एक साथ पड रहा है। ऐसा संयोग करीब 27 वर्षों के बाद हो रहा है।

वहीं धनतेरस के मौके पर खरीदारी का मुहूर्त सुबह 7:30 से 12:20 के बीच शुभ रहेगा। इसके बाद दूसरा शुभ मुहूर्त 1:30 बजे से 3:00 के मध्य रहेगा। तीसरा मुहूर्त शाम करीब 5:30 से 8: 50 के बीच रहेगा। इसका कई राशियों पार अच्छा प्रभाव पड़ेगा और महालक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। धनतेरस के दिन पुजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:40 से 8: 50 तक रहेगा।

धनतेरस पर स्थाई संपत्ति खरीदने से और सोना चांदी व बर्तन खरीदने से मानसिक संतुष्टि प्राप्त होती है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि इस दिन स्थाई संपत्ति खरीदने से 13 गुना वृद्धि होती है। इस दिन चांदी के बर्तनों खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि चांदी में चंद्रमा का वास होता है।

इस दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनतेरस के दिन लक्ष्मी कुबेर और धन्वंतरि की पूजा एक साथ करनी चाहिए। ऐसा करने से आरोग्यता के साथ साथ सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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