राँची । झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित पहली विभागीय आकलन परीक्षा मे राज्य के 75% सहायक अध्यापक सम्प्रर्ति सहायक अध्यापक सफल हो गए है। 41453 सहायक अध्यापको ने परीक्षा दिया था , जिसमे 30953 सहायक अध्यापक उत्तीर्ण हो गए है
,झारखण्ड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संंघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद सिद्दीक शेेख ने कहा कि 20 वर्षो के कलंक से मुक्ति मिल रहा है।

आकलन परीक्षा में कई अड़चन डाले गए , प्रमाण पत्र जांच के नाम पर परीक्षा को प्रभावित किया गया, जेटेट, सीटेट से बढ़कर सुपर टेट की तरह लिया परीक्षा लिया गया। आज आकलन परीक्षा का परीक्षाफल प्रकाशित किया गया , यह झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ ने कहा कि हमने 10% प्रतिशत मानदेय बढ़ोतरी के लिए विभागीय परीक्षा नहीं दिया है, अब आगे सभी प्रशिक्षित साथीयो को वेतनमान मिले ,इसकी लड़ाई बड़े-दम- खम से लड़ा जाएगा।

उन्होने कहा कि आकलन परीक्षा से वंचित करीब 3900 सहायक अध्यापक एवं 10,500 असफल अध्यापकों के लिए आकलन परीक्षा जल्द आयोजित की जाएगी, जिसका प्रयास किया जा रहा है।

गांधी जयंती पर बनी कार्यक्रम की रूपरेखा

झारखण्ड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संंघ के महासचिव विकास कुमार ने सरकार के वादाखिलाफी के विरोध मे “वादा पुरा करें सरकार “कार्यक्रम के तहत झारखण्ड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संंघ राज्य द्वारा अपने मांगो को लेकर गांधी जयंती पर 02 अक्टूबर 2023 को सुबह 10:30 बजे से 03 अक्टूबर 2023 को सुबह 10:30 बजे तक झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राँची मे 24 घंटे का भुख हड़ताल करने की घोषणा की है साथ ही 03 अक्टूबर 2023 को झारखण्ड मुक्ति मोर्चा केन्द्रीय कार्यालय राँची मे धरना-प्रदर्शन भी करेगी।

संंघ के प्रधान सचिव सुमन कुमार ने कहा कि कांग्रेस एवं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के द्वारा विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र मे सरकार बनने के तीन माह के अन्दर पारा शिक्षकों को वेतनमान देने की घोषणा की गई थी, सरकार बनने से पुर्व संविदा-संवाद मे भी मुख्यमंंत्री ने वादा किया गया था, सरकार बनने के साथ ही समान काम के समान वेतन के आधार पर पारा शिक्षकों को वेतनमान का तोहफा दिया जाएगा, परन्तु सरकार बनने के चार साल बीत जाने के बाद भी सरकार पारा शिक्षको ( सहायक अध्यापको) के प्रति गंभीर नही है।

ये किया था वादा

दिवंगत पूर्व शिक्षा मंत्री जगरन्नाथ महतो के अध्यक्षता मे झारखण्ड अध्यापक सेवा शर्त नियमावाली 2021 पारित किया गया ,जिसके तहत पारा शिक्षकों का नाम बदलकर ” सहायक अध्यापक ” रखा गया , उच्च स्तरीय बैठक मे तत्काल मानदेय वृद्घि करने के साथ- साथ वेतनमान, वेतनमान के समतुल्य मानदेय, भविष्य सुरक्षा समेत अन्य सुविधा प्रदान करने का भी विश्वास दिलाया गया , मगर नियमवाली लागू होने के 21 महीने के बावजूद नियमावाली संशोधन, भविष्य सुरक्षा, वेतनमान सहित अन्य मुद्दो पर पहल नही हो पाया ।

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