दुमका। छात्रा के गैंगरेप और हत्या मामले में तीन आरोपियों को सजा-ए-मौत की सजा सुनायी गयी है। तीन साल बाद मामले के तीन आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनायी है। देवघर के थर्ड एडिशनल जिला और सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) ने मामले में फैसला सुनाया।

फांसी की सजा के साथ-साथ हर आरोपी पर 75,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। ये जुर्माना राशि मृतक के परिवार को भुगतान किया जाना है। दरअसल 10 अप्रैल, 2020 को मृत बच्ची के परिवार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें बच्ची के पिता ने बताया कि उनकी बेटी 10वीं कक्षा में पढ़ती थी। वह 8 अप्रैल, 2020 की शाम को किसी काम के चलते साइकिल पर घर से निकली थी। फिर कभी वापस नहीं लौटी।

छात्रा के लापता होने के दो दिन बाद उसका शव मोहनपुर थाना क्षेत्र के भगवानपुर-घोरमारा मार्ग के जंगल से बरामद किया गया था। उसके शरीर और चेहरे पर चोट के कई निशान थे। बताया गया कि बच्ची की पहचान छिपाने के लिए उस पर अंधाधुंध चाकुओं से वार किया गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि बच्ची की बेरहमी से हत्या करने से पहले उसके साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया था।

ये सन्न करने वाले मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिनमें एक नाबालिग भी शामिल था, जिसके खिलाफ केस अभी भी जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में चल रहा है। मौत की सजा पाने वाले तीन अन्य आरोपियों की पहचान विष्णु यादव, रीतलाल यादव और भावेश यादव के तौर पर हुई है। सभी मोहनपुर थाना क्षेत्र के गांव में रहने वाले हैं।

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