रायपुर। नियमितिकरण के लिए आंदोलन कर रहे एक संविदा कर्मचारी की मौत हो गयी। मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर का है। छत्तीसगढ़ में 45 हजार से ज्यादा अनियमित व संविदा कर्मचारी हड़ताल पर है। सभी अनियमित कर्मचारी नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं। आंदोलन के दौरान ही एक कर्मचारी सड़क हादसे का शिकार हो गया, जिससे उसकी मौत हो गयी। घटना के बाद प्रदर्शनकारी भी सदमे में हैं।

मृतक संविदाकर्मी का नाम मोतीलाल कौशिक है। स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर काम कर रहे कर्मचारी मोतीलाल कौशिक आंदोलन के बाद सड़क पार कर रहा था, इसी दौरान गाड़ी ने उसे कुचल दिया। कर्मचारी संगठन के सूरज सिंह ने बताया कि मोतीलाल कौशिक की पत्नी का 4 महीने पहले प्रसव के दौरान निधन हो गया था। मोतीलाल की 4 माह की बच्ची है, नवा रायपुर के हड़ताल स्थल पर इसी बात की चर्चा होती रही कि आखिर उस 4 महीने की बच्ची का भरण पोषण कैसे होगा। यह सोच कर हृदय कांप उठता है।

मोतीलाल कौशिक नाम के इस आंदोलनकारी की सड़क दुर्घटना में मौत हुई है। वह 3 जुलाई से हड़ताल पर था और पंडरिया में हो रहे हड़ताल संबंधी कार्यक्रमों में शामिल होकर घर लौट रहा था। बीजापुर के जिला संयोजक रमाकांत पुनेठा ने कहा कि, मोतीलाल संविदा प्रथा के खिलाफ लड़ते-लड़ते शहीद हो गए। उनकी मृत्यु के बाद उनकी 4 माह की बच्ची के बारे में सोचने वाला कौन है। उस बच्ची को न किसी प्रकार का पेंशन मिलेगा और न ही कोई सामाजिक सुरक्षा का सरकार प्रबंध कर पाई है। मोतीलाल की मृत्यु सरकार के सामने एक प्रश्न बनकर हमेशा खड़ी हो चुकी है।

दंतेवाड़ा की जिला संयोजक श्वेता सोनी ने कहा कि यही संविदाकर्मियों की व्यथा है। अब न उस बच्ची के स्वास्थ्य और शिक्षा का जिम्मा लेने वाला कोई बचा न ही, उसे अन्य कर्मचारियों की मोतीलाल के किसी परिजन को कोई अनुकम्पा नियुक्ति मिलेगी। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अनियमित कर्मचारियों की हड़ताल पर एस्मा लगा रखा है, बावजूद कर्मचारी अपने आंदोलन पर अडिग हैं। सरकार ने पिछले दिनों ही प्रदेश के अनियमित व संविदाकर्मियों के वेतन में 27 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। बावजूद नियमितिकरण की मांग से कम पर संविदा कर्मचारी राजी नहीं है।

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