रांची। बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। कई राज्यों में एहतियाती कदम सरकार ने उठाने भी शुरू कर दिए हैं। जिस तरह से आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, उसके बाद आशंकाएं गहराने लगी है कि कहीं से फिर से कोरोना का दौर तो नहीं लौट जाएगा? इन सबके बीच झारखंड सरकार भी अब अलर्ट मोड में आ गई है।

कोरोना( Corona in Jharkhand ) के बढ़े खतरे के बीच स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कोरोना से निपटने को लेकर रविवार को विभाग की समीक्षा बैठक ली। बन्ना गुप्ता ने बैठक में इस बात के निर्देश सभी उपायुक्त और सिविल सर्जनों को दिए हैं कि जिलों में कोरोना को लेकर एहतियाती कदम कड़ाई से उठाए जाए। साथ ही साथ कोरोना जांच के दायरे को बढ़ाने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह और अन्य शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में हुई समीक्षा बैठक में सिविल सर्जनों को कहा गया है कि वह विभागीय स्तर पर तैयारियों को दुरुस्त रखें।

बैठक में रामगढ़, गिरिडीह, लातेहार, चतरा, जामताड़ा और सरायकेला खरसावां में RTPCR लैब को शुरू करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में 10-11 अप्रैल को अस्पतालों में होने वाले कोरोना के मॉक ड्रिल की भी समीक्षा की गई। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि सभी जिलों में उपलब्ध आइसोलेशन वार्ड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की व्यवस्था को समय पूर्व बेहतर कर लिया जाए।बैठक में ऑक्सीजन आपूर्ति प्रबंधन जैसे रिफिलिंग कंसंट्रेटर की आवश्यकता और दवाओं की उपलब्धता को लेकर भी चर्चा की गई।

इन तीन जिलों में ज्यादा खतरा

समीक्षा बैठक के दौरान 3 जिले खासकर रांची, जमशेदपुर और देवघर में कोरोना को लेकर ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। इन्हीं 3 जिलों से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। लिहाजा उपायुक्त और सिविल सर्जन को कहा गया है कि वह कोरोना पर काबू पाने के लिए हर संभव कोशिश करें। साथ ही साथ जांच बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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