रांची। नियमितीकरण की मांग कर रहे अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों में एक आंदोलनकारी की तबियत बिगड़ गई है। तबीयत बिगड़ने के बाद प्रशासन की तरफ से स्वास्थ्य कर्मी को रिम्स में भर्ती कराया गया है। आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से नियमितीकरण की मांग को लेकर झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रहा है। इस दौरान 24 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।

अनुबंधित चिकित्सा कर्मियों की मांग है कि उन्हें साल 2014 की तर्ज पर नियमितीकरण का लाभ दिया जाए। हालांकि आंदोलन के 10 दिन होने को है, लेकिन कोई भी सरकार की तरफ से वार्ता की पहल नहीं हुई है। जिसकी वजह से आंदोलनकारियों का गुस्सा भड़क गया। इस बीच एक महिला प्रदर्शनकारी की तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया है। हालांकि पहले प्रदर्शकारी स्वास्थ्यकर्मी अनशन पर बैठी महिला को अस्पताल जाने नहीं दे रही थी। काफी जद्दोजहद और महिला चिकित्साकर्मी के समझाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपने साथी को अस्पताल भेजना स्वीकार किया।

आपको बता दें कि नियमितीकरण की मांग को लेकर राज्य के अनुबंधित चिकित्साकर्मी जिसमें एएनएम, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और अन्य पारा मेडिकल स्टाफ शामिल है। वह पिछले 10 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं। 24 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठने के बाद से लगातार प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, पिछले दिनों जमशेदपुर में प्रदर्शनकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बंगले के घेराव की भी कोशिश की थी।

सभी प्रदर्शनकारियों का आंदोलन राजभवन के करीब चल रहा है। आमरण अनशन पर बैठी महिला स्वास्थ्यकर्मी को अस्पताल ले जाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। महिला पुलिसकर्मियों को भी बुलाना पड़ गया। हालांकि काफी देर तक पारामेडिकल कर्मियों ने पुलिस को भी अंदर आने से रोके रखा और जमकर नारेबाजी की। बाद में काफी मशक्कत के बाद महिला पुलिसकर्मी अंदर पहुंची और आमरण अनशन पर बैठी महिला पारा मेडिकल कर्मी को अस्पताल ले जाया गया।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...