रांची। मुश्किलों में घिरे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 10 नवंबर को कैबिनेट की बैठक लेंगे। सूत्र बताते हैं कि असमंजस के गहराते बादल के बीच होने वाले इस कैबिनेट में कई बड़े फैसले लिये जायेंगे। खासकर वो फैसले जो या तो पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल था या फिर हाल के दिनों मुख्यमंत्री ने जिसके संकेत दिये हैं। ऐसे में अनुबंधकर्मियों को बड़ी सौगात कैबिनेट में मिल सकती है। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने कई मौके पर इस बात के संकेत दे चुके हैं कि अनुबंधकर्मियों के मुद्दे पर राज्य सरकार विचार कर रही है। नियम पर मुहर लगते ही अनुबंधकर्मियों को नियमित करने का फैसला लिया जायेगा, लिहाजा कैबिनेट में अनुबंधकर्मियों को राज्य सरकार बड़ी सौगात दे सकती है।

आरक्षण विधेयक पर हो सकती है चर्चा

वहीं, झारखंड पदों एवं सेवाओं की नियुक्ति में आरक्षण अधिनियम 2022 हेतु विधेयक पर भी विचार हो सकता है। इसे विधानसभा से पारित कराकर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र को भेजा जाएगा और उनसे आग्रह किया जाएगा कि इसे नौवीं अनुसूची में शामिल कर लिया जाए। ज्ञात हो कि नौवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद किसी भी मामले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती है। कैबिनेट की बैठक में स्थापना दिवस कार्यक्रम को लेकर भी कई महत्वपूर्ण निर्णयों को अंतिम रूप दिया जाएगा। कैबिनेट की बैठक 11 नवंबर को विधानसभा को एक दिन का विशेष सत्र बुलाने की भी मंजूरी दी जायेगी. इस दिन झारखंड की नई स्थानीय नीति और ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पर चर्चा करायी जायेगी

उड़ीसा और राजस्थान में हाल में नियमित हुए हैं संविदाकर्मी

झारखंड में नियमितिकरण की उम्मीद इसलिए ज्यादा है, क्योंकि हाल के दिनों में ही राजस्थान और उड़ीसा सरकार ने प्रदेश में कार्यरत सभी संविदाकर्मियों को नियमित करने का ऐलान किया था। अलग-अलग राज्यों में अनुबंधकर्मियों के नियमितिकरण की घोषणा के बाद झारखंड में भी दवाब बढ़ गया है। पिछले दिनों ये खबरें भी आयी थी कि झारखंड सरकार अन्य राज्यों में नियमित किये कर्मचारियों के संदर्भ में नियम निर्देशों का अध्ययन कर रही है। झारखंड में  लंबे समय से संविदा कर्मी इसकी मांग भी कर रहे थे।

कैबिनेट बैठक में संविदा पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों के महंगाई भत्ता में वृद्धि पर भी निर्णय हो सकता है।

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