रांची: सीएम हेमंत सोरेन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। यह पत्र मणिपुर की वर्तमान स्थिति को लेकर लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि कुछ निहित स्वार्थ की वजह से आज मणिपुर जल रहा है। मौन सहमति की वजह से यह राज्य महीनों से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। उन्होंने लिखा है कि मैं आज मणिपुर राज्य में जारी हिंसा पर भारी मन और गहरी पीड़ा के साथ आपको लिखने के लिए मजबूर हूं। ऐसे में मैं आपसे अपील करता हूं कि मणिपुर में शांति स्थापित हो, इसके लिए कदम उठाएं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सीएम हेमंत सोरेन ने मणिपुर की स्थिति से आगे का रास्ता खोजने, न्याय सुनिश्चित करने और मणिपुर की शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हम अपने साथी आदिवासी भाइयों और बहनों के साथ इस तरह का भयावह बर्बर व्यवहार नहीं कर सकते और हमें ऐसा नहीं होने देना चाहिए। झारखंड के मुख्यमंत्री और इस देश के एक चिंतित नागरिक के रूप में, मैं मणिपुर में बढ़ती स्थिति से बहुत व्यथित और चिंतित हूं, जिसके परिणामस्वरूप पहले ही सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान चली गई है, संपत्ति और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का विनाश, अकथनीय यातना और महिलाओं का यौन शोषण, विस्थापन और प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले कई जातीय समूहों के बीच असुरक्षा की गंभीर भावना पैदा हो गई है।

राष्ट्रपति को लिखे पत्र में सीएम ने कहा है कि मणिपुर में घटी घटना का वीडियो जिस तरह से सामने आया है। उससे तो यही लगता है कि हमारे संविधान द्वारा दी गयी मानव जीवन और सम्मान के आंतरिक सिद्धांत पूरी तरह से टूटते नजर आ रहे हैं। एक समाज को कभी भी उस बिंदु तक नहीं पहुंचना चाहिए जहां लोगों को उस तरह की शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक क्रूरता का सामना करना पड़े जैसा हमने मणिपुर में देखा है। 3 मई के बाद से, दुनिया का सबसे विविधतापूर्ण लोकतंत्र होने के बावजूद भारत ने मणिपुर में शांति, एकता, न्याय और लोकतांत्रिक शासन की अद्वितीय समाप्ति देखी है। यह जानकर हैरानी हुई कि राज्य सरकार अपने ही लोगों की रक्षा करने और हिंसा और अशांति को कम करने में विफल रही है।

पत्र में सीएम ने लिखा कि मणिपुर दो महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। मीडिया रिपोर्टों का अनुमान है कि मणिपुर में बच्चों सहित 40,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। हर दिन और रात, हम महिलाओं को नग्न घुमाने और सार्वजनिक रूप से बलात्कार करने वीडियो के साथ दिल दहला देने वाले दृश्य देखते हैं। ऐसा लगता है कि कानून का शासन पूरी तरह से टूट गया है। देश में विविधता के एकता में निहित है, और ऐसी शत्रुता के बीच शांति बहाल करने और शांति के माहौल को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए मिलकर काम करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

आप ही हैं उम्मीद की अखिरी किरण

सीएम ने राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उन्होंने कहा कि संकट की इस सबसे काली घड़ी में, हम आपको आशा और प्रेरणा के अंतिम स्रोत के रूप में देखते हैं। जो इस कठिन समय में मणिपुर के लोगों और भारत के सभी नागरिकों को रोशनी दिखा सकते हैं। मैं आज आपसे आगे का रास्ता खोजने, न्याय सुनिश्चित करने और मणिपुर की शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की अपील करता हूं।

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