नालंदा। खुद को दारोगा बताकर पुलिसवालों से ही ठगी करने वाला शातिर पुलिस के चंगुल में फंसा है। आरोपी का नाम कमलेश हैं, जो खुद दारोगा बताकर अब तक कई इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को ठग चुका था। पुलिस ने आरोपी फर्जी दारोगा को गिरफ्तार कर लिया है। दरोगा पिछले 3 साल से राजगीर पुलिस अकादमी के पास किराए का कमरा लेकर रह रहा था। 3 साल पहले कमलेश ने सेटिंग के जरिए SI की परीक्षा दी थी, लेकिन वह क्वालिफाई नहीं कर पाया था।

पुलिस को पूछताछ ने बताया कि सब इंस्पेक्टर में सेटिंग करा देने वाले सेटर ने अकादमी के पास उसे रहने की सलाह दी। सेटर ने उससे कहा कि बैकडोर से उसकी बहाली करवा देगा। इसके बाद उसने एकेडमी के एक गार्डेनर से दोस्ती की और उसके साथ वह अंदर आने-जाने लगा। कुछ समय के बाद गार्डेनर को वहां से हटा दिया गया। इसके बाद कमलेश की एंट्री पुलिस एकेडमी के अंदर बंद हो गई। फिर उसने पुलिस की वर्दी सिलवाई और फर्जी ID कार्ड बनवाया। इसके बाद प्रशिक्षु दरोगा के साथ मिलकर एकेडमी जाने लगा।

जानकारी के मुताबिक आरोपी फर्जी दारोगा अरवल जिले का रहने वाला है। उसके पास से पुलिस की तीन फर्जी आईडी, 5 एटीएम कार्ड और सब इंस्पेक्टर की वर्दी मिली है। फर्जी दारोगा उस वक्त पुलिस के चंगुल में फंस गया, जब फर्जी दरोगा कमलेश वर्दी में थाना पहुंचा, तब उसे ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारी ने थाना आने का कारण पूछा। जब उससे आईकार्ड की मांग की गई तो उसमें दीपू कुमार नाम लिखा था, जबकि वर्दी पर कमलेश लिखा था।

पुलिस को शक हुआ, तो उससे पूछताछ की गयी। जिसपर फर्जी दारोगा ने कहा कि वो सासाराम के वेदा ओपी में तैनात है। कन्फर्मेशन के लिए वेदा ओपी प्रभारी से बातचीत की तो उन्होंने कमलेश या दीपू नाम के दरोगा की पोस्टिंग की बात से इंकार कर दिया। जिसके बाद फर्जी दारोगा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया।

आरोप के मुताबिक वो धौस और अपनी पहुंच बताकर कई इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को ठग चुका था। वो ट्रांसफर-पोस्टिंग का झांसा देकर भी रकम लिया करता था। उसके चंगुल में कई पुलिस अधिकारी आ चुके थे।

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