इंदौर। डिप्टी कलेक्टर की 1.28 करोड़ की प्रापर्टी जब्त होगी। भ्रष्टाचार के आरोपी डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। शाजापुर के तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर हुकुमचंद सोनी, उनकी पत्नी, बेटियों और समधन की 1.28 करोड़ चल-अचल संपत्ति को राजसात करने का आदेश दिया गया है। पूर्व डिप्टी कलेक्टर का निधन हो चुका है। उज्जैलन 2011 में डिप्टी कलेक्टर हुकुमचंद सोनी के खिलाफ भ्रष्टारचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था जो विचाराधीन है। उनकी आय अपने स्त्रोतों से 356.96% ज्यादा पाई गई।

इसमें सोनी द्वारा अर्जित 1.77 करोड़ रु. की राशि मध्य।प्रदेश शासन के पक्ष में करने के लिए एक आवेदन पत्र धारा 13(1) के तहत स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था। इस शिकायत का उज्जैन डीएसपी ओपी सागोरिया द्वारा सत्यापन कराया तो मामला सही पाया। इसमें पाया गया कि हुकुमचंद सोनी द्वारा अपने अधिकारों का अवैध लाभ अर्जित कर पत्नीा व बेटियों के नाम पर मकान, प्लॉीट, वाहन आदि खरीदकर लगातार भ्रष्टायचार किया गया। इस तरह अपने आय के ज्ञात स्त्रो तों से अधिक की संपत्ति एकत्र की गई।

मामला भ्रष्टाचार कर आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का है। लोकायुक्त ने 2011 में उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर हुकुमचंद सोनी (64), उनकी पत्नी सुषमा, बेटी अंजलि, सोनालिका, प्रीति, सरिता, प्रमिला (मृत) और रेखा वर्मा पति भरत कुमार वर्मा (सोनालिका की सास) और दामाद अजय वर्मा की संपत्ति राजसात की जानी है। आरोपी हुकुमचंद सोनी के पहली नियुक्ति निम्नर श्रेणी लिपिक के रूप में 19 नवम्बर 1975 को तराना में हुई थी। इसके बाद रिटायर्ड होने तक पदस्थापना उज्जैन के राजस्व विभाग में अलग-अलग स्थानों पर रही। इसी कड़ी में विभागीय परीक्षा पास करने के बाद नायब तहसीलदार, तहसीलदार एवं डिप्टी कलेक्टसर के पद पर प्रमोशन हुआ था।

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