रांची। भाजपा में वाकई अनुशासन गजब का है। टिकट कट जाये, मंत्री पद से हटा दिया जाये, मुख्यमंत्री बदल दिया जाये, लेकिन क्या मजाल, जो कोई चूं शब्द भी बोले….। भाजपा में अब इसे अनुशासन बोल दीजिये या फिर मोदी-शाह का खौफ…। मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के मौजूदा सांसदों में उसी खौफ का साया है। भाजपा ने कई मौजूदा सांसदों के टिकट काटे हैं।

टिकट कटने के कई पैमाने थे। कुछ तो सर्वे लिस्ट में ही कमजोर पाये गये, कुछ नये लोगों ने पार्टी ज्वाइन की, तो उससे समीकरण गड़बड़ा गया। कई लोग उम्र के पैमाने पर अनफिट हो गये, तो कुछ की निष्क्रियता ले डूबी। बाकी रही सही कसर, कुछ सांसदों के आरोपों ने ले ली। झारखंड की बात करें तो भाजपा ने 13 लोकसभा में 5 मौजूदा सांसद के टिकट काटे हैं। लोहरदगा से सुदर्शन भगत की जगह समीर उरांव, हजारीबाग में जयंत सिन्हा की जगह मनीष जायसवाल, दुमका में सुनील सोरेन की जगह सीता सोरेन, धनबाद में पीएन सिंह की जगह ढुलू महतो, चतरा में सुनील सिंह की जगह कालीचरण सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

एक जगह से भी टिकट कटने के बाद विरोध के सुर सुनायी नहीं पड़े, अगर यही स्थिति कांग्रेस या झामुमो में हुई होती, तो ना जाने कितनी कुर्सियां टूट गयी होती, ना जाने कितने जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगने शुरू हो जाते। बागियों की फौज भी खड़ी हो जाती, लेकिन भाजपा में टिकट कटने से पहले खुद ही सांसद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ये कह रहे हैं कि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते। ये बातें हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा और चतरा के सांसद सुनील सिंह में भी देखने को मिला।

पार्टी ने किया है इस बार नया प्रयोग

पार्टी ने इस बार नया प्रयोग किया है। जिसके तहत जिन भी नामचीन नामों का टिकट काटा जा रहा है, पार्टी की तरफ से उन्हें पहले ही मैसेज दे दिया जा रहाहै कि उन्हें पार्टी टिकट नहीं देगी, इसलिए वो खुद सोशल मीडिया के जरिये इस बात का ऐलान करें, कि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते। याद होगा आपको हजारीबाग से जयंत सिन्हा ने भी सोशल मीडिया में चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था, बाद में वहां से उनकी जगह मनीष जायसवाल को पार्टी ने टिकट दिया था।

वैसा ही हाल चतरा में भी देखने को मिला, आज ही बीजेपी के चतरा सांसद सुनील सिंह ने उम्मीदवारी के रेस से खुद को बाहर किया था। उन्होंने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए सुनील सिंह ने लिखा है कि बीते 10 वर्षों तक चतरा की जनता का सेवा का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह को धन्यवाद।

साथ ही उन्होंने चतरा की जनता का विशेष आभार व्यक्त किया है। इस पोस्ट के साथ ही, यह साफ हो गया है कि उन्होंने खुद को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारी के रेस से बाहर कर लिया है। दरअसल ऐसे ही पोस्ट के जरिये कुछ दिनों पहले हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने भी खुद को उम्मीदवारी के रेस से बाहर कर लिया था। हालांकि पीएन सिंह के लिए ऐसा इसलिए नहीं किया गया, क्योंकि वो उम्र और सक्रियता के पैमाने पर भाजपा की सर्वे लिस्ट से ही बाहर थे।

देश के अन्य मौजूदा सांसंदों में भी आपको याद होगा गौतम गंभीर, जनरल वीके सिंह जैसे सांसदों ने खुद ही ऐलान किया था कि वो चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। दरअसल ये इच्छा नहीं थी, बल्कि पार्टी का फरमान था, जो संबंधित सांसदों को दिया गया, जिसके बाद सांसदों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से चुनाव नहीं लड़ने का पोस्ट किया।

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