पटना । बिहार की बेटी छत्तीसगढ़ से बनेगी सांसद। कल देर शाम कांग्रेस हाईकमान ने 10 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इस लिस्ट में बिहार से सांसद रही रंजीत रंजन और राजीव शुक्ला के नाम हैं। ये पहला मौका होगा, जब छत्तीसगढ़ कोटे से बिहार का कोई नेता राज्यसभा जायेगा। छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही है, इन दोनों सीट सहित देश के कुल 57 सीटों पर 10 जून को वोटिंग होगी। बिहार के दमदार नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन का छत्तीसगढ़ कोटे से सांसद बनना तय है, क्योंकि संख्या बल कांग्रेस के साथ है। कांग्रेस के पास 90 में से 71 विधायक हैं, लिहाजा बिना किसी सपोर्ट के दोनों सीटें कांग्रेस के खातें आनी तय है।

आइये देखते हैं कौन हैं रंजीत रंजन

रंजीत रंजन पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव की पत्नी है। पप्पू यादव मधेपुरा से सांसद रह चुके हैं। रंजीत रंजन एक सक्रिय टेनिस खिलाड़ी हैं। पप्पू यादव से शादी करने के एक साल के भीतर ही वो स्वयं भी राजनीति में आ गयी। रंजीत रंजन 1994 से लगातार राजनीति में सक्रिय है। 1994 में रंजीत रंजन ने सुपौल विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन वो चुनाव हार गयी। 2004 में रंजीत रंजन ने सहरसा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसी चुनाव में पप्पू यादव ने भी जीत दर्ज की थी। दोनों एक साथ लोकसभा पहुंचे थे। परिसीमन के बाद वो 2009 में  सहरसा से अलग सुपौल लोकसभा बना, इस सीट पर वो कांग्रेस की टिकट पर उतरी, लेकिन वो जदयू से चुनाव हार गयी। 2014 में मोदी के लहर के बावजूद वो सुपौल सीट से चुनाव ल़ड़ी और जीती भी। 2019 में वो चुनाव हार गयी। अब रंजीत रंजन राज्यसभा जा रही है।

पप्पू यादव और रंजीत रंजन की लव स्टोरी रही चर्चा में

पप्पू यादव एक बार जब पटना जेल में थे, तब एक एलबम में रंजीत रंजन उर्फ रंजीत कौर की तस्वीर देखी थी। तस्वीर उन्हें इतना भाया कि वो उन्हें अपना दिल दे बैठे। जेल से छूटने के बाद पप्पू यादव अक्सर पटना क्लब जाया करते थे, जहां रंजीत कौर को वो टेनिस खेलते देखा करते थे। पप्पू यादव ने कई बार रंजीत से बातचीत और इंप्रेस करने की कोशिश की, लेकिन रंजीत कौर को ये पसंद नहीं था। इधर रंजीत कौर की मगथ कालेज से पढ़ाई खत्म हुई और वो पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया। रंजीत टेनिस की इंटरनेशनल प्लेयर भी रही है। पंजाब यूनिवर्सिटी में दाखिले के बाद वो वहीं पढ़ाई करने लगी।

परिवार वाले शादी के खिलाफ थे

पप्पू यादव के लिए चुनौती सिर्फ रंजीत कौर से ही हां कहलवाने की नहीं थी, बल्कि उन्हे मां पिता को भी मनवाने की थी। रंजीत कौर के माता-पिता शादी के खिलाफ थे। हालांकि पप्पू के घर वाले शादी के लिए राजी थे। पप्पू ने एक-एककर रंजीत के परिवारवालों को मनाने की कोशिश शुरू की। रंजीत की बहन और बहनोई चंडीगढ़ में रहते थे। लेकिन वहां पप्पू को साफ ना कह दिया गया। पप्पू इन सब के बीच लगातार राजनीति की ऊचाईयों को भी छू रहे थे। इसी बीच पप्पू यादव को ये पता चला कि कांग्रेस नेता एसएस अहलूवालिया की बातों को कोई नहीं टालता। अहलूवालिया से संपर्क करने पर पप्पू को निराश नहीं होना पड़ा। हालांकि एक वक्त ये भी था जब प्यार में निराश होने पर पप्पू यादीव ने आत्महत्या की भी कोशिश की थी। हालांकि इसी घटना के बाद रंजीत कौर का व्यवहार पप्पू यादव के प्रति थोड़ा नरम हुआ था। इधर रंजीत तैयार हुई तो रंजीत के माता-पिता और घरवाले भी मान गये। शादी की तारीख, वक्त और स्थान तय हो गया, लेकिन हड़कंप तब मच गया, जब दुल्हन रंजीत और उनके परिवारवालों को लेकर आ रहा चार्टर प्लेन ही रास्ता भटक गया। हालांकि कुछ देर बाद सही जगह पर हेलीकाप्टर पहंच गया। दोनों की धूमधाम से शादी हुई। इस सादी में लालू यादव, राजबब्बर, देवीलाल, डीपी यादव जैसी हस्ती शामिल हुए ते।

शादी के बाद पप्पू यादव के सितारे ऊंचाई पर चढ़ गये। रंजीत भी एक साल बाद राजनीति में आ गयी। पप्पू यादव रंजीत रंजन की अच्छाई का बखान कई बार कर चुके हैं। पप्पू उन्हें अच्छी पत्नी और अच्छी मां बताते हैं।

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