बिहार : जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी गयी है. सोमवार को गांधी जयंती के अवसर पर बिहार सरकार ने इस रिपोर्ट को जारी किया जिसके बाद प्रदेश में जातियों की भागिदारी का खुलासा हुआ है. वहीं अब रिपोर्ट जारी होने के बाद इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट आगामी 6 अक्टूबर को बिहार में जातीय गणना के डाटा से जुड़े मामले की सुनवाई करेगा.

बिहार सरकार की ओर से कराए गए जातीय सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की गयी तो इसके खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. अब सुप्रीम कोर्ट की ओर सबकी नजरें रहेंगी.

बिहार में जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी गयी है. प्रदेश में अत्यंत पिछड़े वर्ग की भागिदारी 36.0148% तो पिछड़ा वर्ग 27.1286% है. बिहार कास्ट सर्वे की रिपोर्ट में तमाम जातियों की संख्या सामने आ चुकी है. वहीं सोमवार को इस डाटा को जारी किया गया तो बिहार समेत देशभर की सियासत गरमायी रही. वहीं जातीय सर्वे जारी करने का मामला मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई हुई और अगली तारीख दे दी गयी. अब 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी.

इधर, जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी होने के बाद बिहार में 9 दलों की बैठक होने जा रही है. मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ये बैठक हो रही है. इस बैठक में वो दलें शामिल हो रही हैं जो जातीय सर्वे कराने के पक्ष में थे. भाजपा भी इस बैठक में शामिल हो रही है. इस बैठक में जाति आधारित गणना के परिणामों से दलों को अवगत कराया जायेगा. बता दें कि जातीय सर्वे की रिपोर्ट जब सामने आयी तो इसका कई दलों ने स्वागत किया. जबकि भाजपा ने इस रिपोर्ट में त्रुटि गिनाए.

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...