रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर उस याचिका को आज खारिज कर दिया है, जिसमें यह कहा गया था कि खान मंत्री रहते हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन, उनकी बहन सरला मुर्मू के नाम औद्योगिक क्षेत्र में जमीन आवंटित थी और अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटित किया था। आज झारखंड हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने पैरवी की। अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने बताया कि जिस याचिका को अदालत ने खारिज किया है, उसके पीछे सुप्रीम कोर्ट का आदेश आधार बना है। शिवशंकर शर्मा बनाम राज्य सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज किया था। इसी याचिका के आधार पर झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।

जिस याचिका को आज झारखंड हाईकोर्ट ने खारिज किया है, उसे अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता सुनील महतो ने दायर की थी। दायर याचिका में बताया गया था कि खान विभाग के मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनगड़ा में 88 डिसमिल जमीन पर माइनिंग लीज का आवंटन कराया है। वहीं, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन व उनकी बहन सरला मुर्मू की कंपनी सोहराई लाइवस्टोक प्राइवेट लिमिटेड के नाम चान्हो के बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ जमीन आवंटित किया गया। सीएम के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद पिंटू व सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को भी खनन लीज आवंटित हआ है।

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