रांची। जन सरोकार की पत्रकारिता करने वाले HPBL न्यूज की खबर का बड़ा असर हुआ है। HPBL न्यूज पर NHM के ड्राइवरों के मानदेय भुगतान नहीं होने की खबर प्रसारित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। स्वास्थ्य विभाग ने मानदेय भुगतान का आदेश जारी कर दिया है। हमें इस बात की खुशी है कि हमारी खबर पर राज्य सरकार ने संज्ञान लिया, लेकिन साथ ही इस बात का अफसोस भी, कि मानदेय भुगतान के इंतजार में स्वास्थ्य विभाग के एक चालक की जान नहीं बचा सके

क्या कहते है चालक संघ के नेता संजय कुमार कालिंदी

चालक संघ के नेता संजय कुमार कालिंदी ने कहा की सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान तो दिया पर मानदेय के अभाव में हमारे साहिबगंज के साथी की जान चली गई। मानदेय मिलने के साथ ही राज्य भर के चालक साहिबगंज के मृतक साथी के परिजन को सहयोग राशि भेजेंगे साथ ही उनके बकाया लंबित मानदेय भी दिलवाने में सहयोग करेंगे। साथ ही HPBL न्यूज के प्रति आभार जताया।

मानदेय भुगतान का पत्र

पिछले दिनों HPBL न्यूज ने “मुख्यमंत्री जी ! देखिए आपके विधानसभा जिला का हाल… 10 माह से वेतन की कमी से जूझ रहे हैं राज्य भर के चालक, साहिबगंज में इलाज के अभाव में तोड़ा दम…” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित करते ही विभाग में हरकत में आया और फिर राज्य सरकार ने मानदेय भुगतान का आदेश जारी हो गया।

NHM के तहत काम करने वाले चालकों के मानदेय भुगतान को लेकर अपर अभियान निदेशक ने सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी किया है। खास बात ये है कि पूर्व में इन चालकों को मानदेय का भुगतान विभिन्न बैंक खातों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को अर्जित सूद की राशि किया जा रहा था, लेकिन अब सूद की राशि को केंद्र सरकार को वापस किये जाने का निर्देश मिला है, लिहाजा कार्यरत चालकों को अब मानदेय का भुगतान आउटसोर्सिंग के लिए उपलब्ध करायी गयी राशि से किया जायेगा।

राज्य सरकार ने मानदेय भुगतान के लिए जो निर्देश जारी किया है, उसमें सभी चालकों का नाम और ज्वाइनिंग तिथि सहित संपूर्ण विवरण के साथ लिस्ट जारी की है। आपको बता दें कि राज्य भर के कार्यालयों और अस्पताल में वाहन चलाने की जिम्मेदारी इन्ही कर्मियों पर है। अधिकारी जिस वाहन में अपनी चढ़कर अस्पताल जाते है और मरीज जिन वाहनों से वक्त पर अस्पताल पहुंचते हैं, उन सभी के सारथी यही ड्राइवर हैं। स्वास्थ्य की सबसे अहम कड़ी कहने जाने वाले चालकों के साथ पिछले दिनों जिस तरह से सौतेला व्यवहार किया गया, वो ना सिर्फ विभाग की निरंकुशता को दर्शाता है, बल्कि असंवेदनशीलता को भी उजागर करता है। हालांकि अब उन तमाम चालकों के चेहरे पर खुशियां लौट आयी है, जो पिछले 10 माह से वेतन के इंतजार में थे। मानदेय मिलने पर अब ये कर्मचारी वक्त पर इलाज भी करा पायेंगे और परिवार का भरण पोषण भी कर सकेंगे।

मानदेय के इंतजार में एक चालक की हो चुकी है मौत
आपको बता दें कि पिछले महीने ही वेतन के इंतजार में एक चालक की मौत हो गयी थी। अनुबंध चालक राजेश कुमार रिखमासन उम्र-40 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पतना बरहेट विधानसभा जिला साहिबगंज मे पदस्थापित थे । विभागीय उदासीनता के कारण पिछले दस माह से मानदेय / वेतन का भुगतान नहीं मिलने के कारण आर्थिक कठिनाईयो एव चिकित्सा आभाव के कारण हृदयगति रुक जाने से 18/03/023 असमायिक निधन हो गया था। इस घटना ने सभी अनुबंध एवं दैनिक चालक संघ झारखंड प्रदेश झकझोर कर रख दिया था।

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