बोकारो । क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ (एचएमएस) के द्वारा कोक ओवन के ठेका मजदूर नंद कुमार के इंसाफ, हक एवं अधिकार के लिए 13 दिसंबर 2022 प्रातः 6:00 बजे से कोक ओवन के अनिश्चितकालीन हड़ताल के मद्देनजर रैलियो, प्रर्दशन के साथ साथ प्रबंधन और युनियन के मध्य वार्ता का मैराथन दौर जारी रहा। दिन के 1:00 बजे संयंत्र के कोक ओवन मे विशाल रैली तथा संध्या 4:30 बजे संयंत्र के मेन गेट के पास सेक्शन के समीप विशाल प्रदर्शन किया गया। साथ ही संयंत्र के अधिकारियों से लेकर सहायक श्रमायुक्त (केंद्रीय) धनबाद के स्तर तक वार्ता हुई।

सेक्शन के पास विशाल प्रदर्शन को संबोधित करते हुए संघ के महामंत्री सह सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि 15 अक्टूबर 2022 को बोकारो इस्पात संयंत्र के कोक ओवन में बैटरी नंबर 2 में द्वितीय पाली में रात्रि 9:45 बजे हमारे ठेका मजदूर साथी लीड लुटिंग के कार्य करने के दौरान फिसल कर गिर पड़े, गिरने के बाद उनकी पीठ पूरी तरह से जल गई। दुर्घटना के बाद उन्हें प्लांट मेडिकल से जांच कराते हुए बोकारो जेनरल अस्पताल लाया गया जहां इलाज के क्रम में दो से ढाई घंटे के अन्दर उनकी मौत हो गई। मगर अधिकारियों के दबाव में उनकी मौत को हार्टअटैक बताया गया।

यूनियन ने उस समय भी प्लांट मेडिकल के रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रबंधन के अधिकारियों को समझाने का प्रयास किया जिसमें लिखा हुआ था कि दुर्घटना के बाद नंदकुमार का हार्ट, ब्लड प्रेशर और पल्स बिल्कुल सामान्य था। फिसल के गिरने का जिक्र तो था मगर जलने की बात छुपा ली गई थी। यूनियन ने बार-बार अधिकारियों को बताया कि अगर मृतक को हार्टअटैक हुआ था तो उनका हार्ट ,ब्लड प्रेशर और पल्स नार्मल कैसे था? मगर प्रबंधन मानने को तैयार नहीं हुई और हार्ट अटैक के बात पर अड़ी रही।ताज्जुब की बात है कि र्दुघटना छिपाने के लिए मृतक के जलने का ईलाज ना होने देना मानवता को शर्मशार करने वाला कृत्य है। यह हत्या है।

आक्रोशित मजदूरों ने 16 अक्टूबर 2022 को कोक ओवन का उत्पादन बंद कर दिया। लगभग 3 घंटे बंद के बाद प्रबंधन मजदूरो के सामने हमे आश्वासन दिया था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अगर जलने की बात आएगी तो हम नियमानुसार मृतक के आश्रित को संयंत्र में स्थाई नियोजन देंगे। 20 अक्टूबर 2022 को मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने साबित कर दिया कि मृतक को गंभीर र्बन इन्जुरी थी।

उसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मृतक की विधवा ने पुत्र के स्थाई नियोजन के लिए प्रबंधन को आवेदन भी दिया मगर आवेदन को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। यूनियन में भी लगातार अधिकारियों से संपर्क कर समझाने का प्रयास किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आलोक मे मृतक का इन्जुरी भरा जाए साथ ही उनके पुत्र को वादानुसार और नियमानुसार संयंत्र में स्थाई नियोजन दिया जाए। मगर अधिकारीगण टालमटोल करते रहे। जब यूनियन के पास कोई रास्ता नहीं बचा तो यूनियन ने न्याय के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाते हुए मजबूरन 13 दिसंबर 2022 से कोक ओवन के अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस प्रबंधन को दिया।

हड़ताल नोटिस का संज्ञान लेते हुए सेल/ बोकारो प्रबंधन के निदेशक प्रभारी ने हमसे वार्ता कर आश्वासन दिया कि मृतक को न्याय दिलाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेगे।हमने भी उन्हें आश्वस्त किया कि यूनियन कभी भी हड़ताल के पक्ष मे नहीं रही है और वर्तमान समय में सेल और बोकारो की हालत भी हड़ताल के लायक नहीं है।मजदूरो ने मजबूरन न्याय के लिए हड़ताल का रास्ता अपनाया है । अगर 12 दिसंबर 2022 तक कोई ठोस निर्णय ले लिया जाता है तो हम हड़ताल का निर्णय वापस ले लेंगे।

फिर धनबाद में केंद्रीय सहायक श्रमायुक्त के साथ वार्ता मे प्रबंधन ने कहा कि उन्होंने दुर्घटना की जांच के लिए तीन सदस्यो जांच कमेटी गठित कर दी है दो-तीन दिनों में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।सहायक श्रमायुक्त ने प्रबंधन को निदे॔श दिया कि जाँच कमिटी की रिपोर्ट से पहले युनियन से मंतव्य लेना होगा। युनियन को भी ऐसा लगता है कि जांच कमिटी के गठन से न्याय होगा।साथ ही साथ हड़ताल नोटिस की दूसरी बिन्दु यानि कोक ओवन मे कार्य करने वाले ठेका मजदूरो के ग्रेड प्रमोशन के संबंध मे सहायक श्रमायुक्त ने नि॔देश दिया कि बीस दिनो के भीतर युनियन,प्रबंधन तथा ठेका कम्पनी संयुक्त रूप से सर्वेक्षण कर यह तय करेगे कि कोक ओवन मे कौन सा काम स्किल्ड का है और कौन सा काम अन स्किल्ड का है और इसकी सूचना मुझे भी प्रेषित करेगे। अतः यूनियन एवं मजदूरों ने जांच कमेटी की रिपोर्ट तक हड़ताल को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।

अंत में श्री सिंह ने कहा कि अभी भी ऐसे कई मुद्दे हैं जो सेल और बोकारो प्रबंधन के पास लंबित है। सेल प्रबंधन ने वादा किया था कि नवंबर तक बकाया एरियर के भुगतान एवं वेज रिवीजन को फाइनल करने के लिए एनजेसीएस की बैठक बुलाएंगे मगर नवंबर से दिसंबर हो गया अब तक कोई बैठक नहीं हो सकी है, इससे भी मजदूरों में आक्रोश है। दूसरी तरफ ठेका मजदूरों में के मिनिमम वेज का भुगतान भी अहम समस्या है। प्रबंधन जब तक वर्तमान मिनिमम वेज के जगह पर एलपीपी पर निविदा करेगी इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। प्रबंधन की सौ फीसदी यह जिम्मेदारी बनती है कि ठेका मजदूरों को मिनिमम वेज की गारंटी दे।मजदूर अब जग चुके है और शोषण का मुँहतोड़ जवाब देने को पूरी तरह से तैयार है।

श्री सिंह ने सेल प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द से जल्द एनजेसीएस की बैठक बुलाकर बकाये एरियर,नाइट एलाउंस तथा अन्य एलाउंसेज के साथ-साथ ठेका मजदूरों के वेज रिवीजन के मुद्दे का निपटारा नहीं किया गया तो ना सिर्फ बोकारो बल्कि दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला, बर्नपुर समेत माइंस के तमाम एचएचएमएस के सदस्य सेल मुख्यालय नई दिल्ली पर धरने के लिए मजबूर होंगे।

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