झारखंड : भाजपा का टीएसी मीटिंग से बहिष्कार…बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर लगाया आदिवासी विरोधी होने का आरोप
Jharkhand: BJP boycotts TAC meeting... Babulal Marandi accuses Hemant government of being anti-tribal

रांची, झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के दूसरे कार्यकाल में होने जा रही ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) की पहली बैठक का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यह बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 21 मई को आयोजित होनी है।
भाजपा विधायकों का बैठक से किनारा
भाजपा ने स्पष्ट किया है कि उसके विधायक इस बैठक में भाग नहीं लेंगे। यह निर्णय नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन की ओर से लिया गया है। गौरतलब है कि भाजपा विधायक इससे पहले भी टीएसी की बैठकों में भाग नहीं लेते थे।
बाबूलाल मरांडी का आरोप – राज्यपाल की भूमिका की अनदेखी
बाबूलाल मरांडी ने टीएसी बैठक के बहिष्कार को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा:
‘पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत राज्यपाल को टीएसी के सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार है, लेकिन हेमंत सरकार ने इस प्रक्रिया को दरकिनार कर मनमाने ढंग से सदस्यों की नियुक्ति की है। इसके साथ ही सरकार आदिवासियों के हित में कोई ठोस कार्य नहीं कर रही है’।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बालू घाटों का अधिकार ग्राम सभाओं को दिया जाना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार अपने करीबी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी कर रही है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राज्य की नई शराब नीति को भी ‘गलत तरीके से लागू’ बताया।
टीएसी बैठक में ये सदस्य रहेंगे शामिल
इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने वाले टीएसी सदस्यों में निम्न नाम प्रमुख हैं…
• झामुमो से : संजीव सरदार, सोनाराम सिंकू, स्टीफन मरांडी, लुईस मरांडी, राजेश कच्छप, जिगा सुसारन होरो, सुदीप गुड़िया, आलोक सोरेन, जगत माझी, नमन विक्सल कोंगाड़ी, रामचंद्र सिंह, राम सूर्या मुंडा, दशरथ गागराई।
• भाजपा से : बाबूलाल मरांडी और चम्पाई सोरेन
• मनोनीत सदस्य : जोसाई मार्डी और नारायण उरांव
भारतीय जनता पार्टी द्वारा टीएसी बैठक का बहिष्कार, झारखंड की राजनीति में एक बार फिर आदिवासी हितों और संवैधानिक प्रक्रियाओं को लेकर गहराते विवाद को उजागर करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इन आरोपों का क्या जवाब देते हैं और सरकार आगे की रणनीति कैसे तय करती है।