MP Nishikant Dubey say that PM Modi is Shankaracharya

गोड्डा। सांसद निशिकांत दुबे ने 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन पर तमाम विवाद और अटकलों की बीच नया बयान जारी किया है। जिसमें ब्राह्मणवाद और शंकराचार्य पर तीखा हमला किया। उन्होंने स्पष्ट कहा की हमें ब्राह्मणवाद विचारधारा से निकलने की जरूरत है, और आज के शंकराचार्य पीएम मोदी हैं।

पीएम मोदी की तुलना शंकराचार्य से क्यों

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शंकराचार्य से की है. उन्होंने कहा कि शंकराचार्य एकल और संयमित जीवन जीते हैं तो पीएम मोदी भी एकल जीवन जी रहे हैं, तपस्वी की तरह रहते हैं. वो मंदिर उद्घाटन तक ग्यारह दिनों से उपवास पर हैं. आने वाले कुछ दिन वो पलंग पर नहीं सोएंगे. उन्होंने कहा कि हमें ब्रह्मनिकल डिसऑर्डर से बाहर निकलना होगा. सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि अभी विचारों में परिवर्तन का दौर है

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्य के विरोध की वजह सांसद निशिकांत दुबे ने ब्रह्मनिकल डिसऑर्डर को बताया है. एक जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज शंकराचार्य राम जन्म भूमि पर जो भी अपनी बात कह रहे हैं इसके पीछे ब्रह्मनिकल डिसऑर्डर है.

जनसभा में ग्रंथ का दिया हवाला

उन्होंने कहा ये संथाल और भगालपुर का इलाका परिवर्तन की भूमि है. जब भगवान श्री राम की एक ही बहन थी, जिनका नाम शांता था, उनको मौसी के यहां लालन-पालन के लिए भेज दिया गया था. उनकी शादी ऋषि श्रृंगी से हुई, यह परिवर्तन का एक बड़ा प्रमाण है. एक क्षत्रिय कन्या की शादी ब्राह्मण लड़के से हुई.

एक दूसरा उदाहरण महाभारत काल का जब अंग प्रदेश ने एक सूत पुत्र कर्ण को अपना राजा स्वीकार किया. ऐसे ही सदा से ही अंग की धरती पर कर्म के आधार पर व्यक्ति की पूजा हुई है. लोग अपने कर्म से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र हुए हैं. ऐसे में यह सोचने का वक्त है कि हमें ब्रह्मनिकल डिसऑर्डर से बाहर आना होगा.

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