रांची। …आखिरकार वही हुआ, जिसकी अटकलें लग रही थी। दुमका से आखिरकार सुनील सोरेन का भाजपा ने पत्ता काट दिया। पहली लिस्ट में ही दुमका से भाजपा ने सुनील सोरेन को टिकट दिया था, लेकिन अब पार्टी ने वहां से प्रत्याशी बदल दिया है। सुनील सोरेन की जगह झामुमो छोड़ भाजपा में शामिल हुई सीता सोरेन को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। सिर्फ मौजूदा सांसद सुनील सोरेन का ही पार्टी ने पत्ता नहीं काटा है, बल्कि धनबाद से भी पशुपति नाथ सिंह की पार्टी ने छुट्टी कर दी है।

धनबाद में पीएन सिंह की जगह पार्टी ने विधायक ढुलू महतो को प्रत्याशी बनाया है। रविवार की देर रात जारी प्रत्याशियों की लिस्ट में झारखंड के 3 प्रत्याशी के नाम था। दुमका, धनबाद और चतरा के लिए पार्टी ने प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया है। दुमका से सीता सोरेन को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं धनबाद से ढुलू महतो और चतरा से कालीचरण सिंह को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है।

आखिर क्यो बदला गया दुमका का टिकट

जिस वक्त सीता सोरेन के इस्तीफे और भाजपा में शामिल होने की खबर आयी थी, उसी वक्त hpbl.co.in ने बता दिया था कि सीता सोरेन लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। हालांकि सीता सोरेन ने अपनी बेटी के लिए भी टिकट की वकालत की थी, लेकिन पार्टी ने उस प्रस्ताव को नहीं माना। पार्टी ने उसी वक्त ये कह दिया था कि उन्हें ही लोकसभा चुनाव लड़ना होगा।

hpbl.co.in को विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि पार्टी ने लोकसभा का टिकट देने की बात तो पार्टी ज्वाइनिंग के पहले ही बता दी थी, लेकिन उन्हें लोकसभा सीट की जानकारी नहीं दी गयी थी। चूंकि दुमका से प्रत्याशी के नाम का ऐलान पहले हो चुका था, इसलिए सीता सोरेन ने भी उम्मीद नहीं की थी, कि उन्हें पार्टी मौजूदा सांसद का टिकट काटकर और प्रत्याशी बदलकर उम्मीदवार घोषित करेगी। सीता सोरेन की ज्यादा संभावना गिरिडीह से चुनाव लड़ने की थी, लेकिन पार्टी ने बड़ा दांव खेलते हुए सीता सोरेन को दुमका से प्रत्याशी बना दिया।

भाजपा ने एक तीर से दो निशाना साधा

दरअसल सीता सोरेन को दुमका से प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने एक तीर से दो निशाना साधा है। पहली तो यही कि सीता सोरेन का दुमका गढ़ रहा है। भाजपा के सीटिंग एमपी रहने की वजह से भाजपा का वहां जनाधार भी है, ऐसे में अगर झामुमो की तरफ से कोई सोरेन परिवार का सदस्य दुमका से चुनाव लड़ता है, तो वोट ना सिर्फ बंटेंगे, बल्कि सीता सोरेन को उससे ज्यादा फायदा होगा।

झामुझो की तरफ से हेमंत सोरेन के दुमका लोकसभा से चुनाव लड़ने के आसार है। सीता सोरेन की जगह अगर सुनील सोरेन प्रत्याशी होते तो हेमंत सोरेन का पलड़ा भारी रहता, लेकिन सीता सोरेन के सामने आने के बाद एक तो सोरेन परिवार के प्रभाव वाले वोट में बंटवारा हो जायेगा, दूसरी तरफ जिन आरोपों के साथ सीता सोरेन झामुमो से अलग हुई है, उसमें सहानुभूति वोट सीता सोरेन के हिस्से में आयेगा।

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